जगन्नाथ रथ यात्रा, जो उड़ीसा के पुरी में आयोजित होती है, विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है।
यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की वार्षिक यात्रा है।
इस वर्ष 2024 में, रथ यात्रा 8 जुलाई को मनाई जाएगी। यह उत्सव आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन शुरू होता है और दस दिनों तक चलता है।
तीन विशाल रथ, जिन्हें 'नंदीघोष', 'तालध्वज' और 'दर्पदलन' कहा जाता है, इस यात्रा के प्रमुख आकर्षण होते हैं।
यात्रा श्री जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह विश्वास है कि रथ को खींचने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पापों का नाश होता है।
यह यात्रा भक्तों के लिए आध्यात्मिक पुनर्जागरण का समय होता है।
गुंडिचा मंदिर में नौ दिनों के विश्राम के बाद, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन वापसी यात्रा करते हैं, इसके बाद वे अपने मूल निवास श्री जगन्नाथ मंदिर में लौटते हैं।
रथ यात्रा न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि यह उड़ीसा की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है।
जगन्नाथ रथ यात्रा का यह पर्व भक्ति, आस्था और उत्सव का अद्वितीय संगम है।
रथ यात्रा का आयोजन न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा जाता है।