बारिश होने से सर्दी बढ़ गई है। गलन के चलते लोगों ने अलाव का सहारा लिया। सर्दी के चलते बाजारों में भी रौनक कम रही। दुकानें भी देरी से खुलीं। वहीं खेतों में पानी भर जाने से कई जगह आलू, गेहूं, मसूर सहित रबी की फसल को नुकसान बताया जा रहा है।
पिछले तीन दिनों से मौसम के मिजाज बिगड़े हुए हैं। बुधवार को सुबह से ही मौसम खराब रहा। धूप नहीं निकलने से सर्दी और बढ़ गई। पूरे दिन बादल छाए रहे। बूंदाबांदी सुबह से ही शुरू हो गई थी। रात में तो बादलों की गड़गड़ाहट के साथ गुरुवार की सुबह तड़के तक बारिश होती रही। बारिश के चलते तापमान गिर गया। सुबह से ही गलन ने लोगों को परेशान कर रखा था। शीत लहरों के चलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे थे।
सड़कों पर जलभराव होने से परेशान रहे राहगीर
बारिश होने से शहर में कई जगह जलभराव हो गया। इनमें नवीपुर, विभवनगर सहित निचले कई इलाकों में पानी भरने से लोगों का रास्ता निकलना भी मुश्किल हो गया। वहीं जल निगल द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने को खंदारीगढ़ी, विष्णूपुरी सहित कई जगह सड़क खोद दिए जाने से वहां कीचड़ के चलते फिसल हाेने राहगीर ही नही स्थानीय लोग भी परेशान रहे।
रबी की फसलों को नुकसान
बारिश के चलते देहात के सासनी, सादाबाद, सहपऊ क्षेत्र में कुछ इलाकों में पानी भर गया। बारिश होने से खेतों में खड़ी आलू, गेहूं, सरसों, मसूर सहित सभी फसलों में खरपतबार बढ़ जाएगी। इससे फसलों को नुकसान है। सब्जी सहित कई फसलों में माऊ रोग बढ़ जाएगा। कृषि वैज्ञानिक डा. एके सिंह बताते हैं माऊ रोग से फसलों का विकास रुक जाता है।