मप्र एक कृषि प्रधान राज्य है। हमारा प्रयास है कि फसलों का उत्पादन बढाने के साथ लागत को कम किया जाए। 20 वर्ष पूर्व मप्र एक बीमारू राज्य था। यहां केवल साढ़े 7 लाख हेक्टेयर भूमि में ही सिंचाई हो पाती थी। जो दो दशकों में बढ़कर 43 लाख हेक्टेयर हो चुकी है। उत्पादन बड़े, लागत घटे और किसानों की आय दुगुनी हो इन्हीं प्रयासाें के साथ कार्य करने का परिणाम है कि प्रदेश लगातार सात वर्षाे से कृषि कर्मण पुरस्कार जीत रहा है।
उक्त बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आईबी ग्रुप द्वारा ग्राम खेरवास में स्थापित होने वाले सोया प्लांट के चर्चुअल भूमिपूजन समारोह के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सोयाबीन के मामले में भी नबंर वन है। सोयाबीन को पीला सोना कहा जाता है। बदनावर को आज एक बड़ी सौगात देने के लिए यह बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उत्पादन भी बंपर होगा। हम विदेशों से खाद्य तेल आयात करते हैं। जिससे हमारा पैसा बाहर जाता है प्रदेश में निवेश के बाद खाद्य उत्पादाें के मामले में हम आत्मनिर्भर बनेंगे।
उन्होंने कहा कि निवेश की अनुकुूलता इसी से साबित होती है कि दो वर्ष के कोरोना काल में भी प्रदेश में निवेश जारी है। इसी वर्ष अ्रप्रेल से दिसबंर तक 28 हजार 746 करोड़ का निवेश आया है। कृषि प्रधान होने के साथ साथ हम उद्योग प्रधान राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा और और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। हमारा प्रदेश शांंति का टापू है। जमीन की भी पर्याप्त उपलब्धता है और निवेश आकर्षित करने के सारे संसाधन हमारे पास उपलब्ध है। बदनावर में निवेश का यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके लिए आपके क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के उर्जावान उद्योग मंत्री दत्तीगांव दिन रात काम कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कि खतरा अभी टला नहीं है। हमें अतिरिक्त सावधानी रखना होगी। टीकाकरण में प्रदेश अग्रणी है और 15 जनवरी तक युवाओं के टीकाकरण का लक्ष्य भी पूर्ण कर लेंगे। सरकार लाॅकडाउन नहीं कर रही है। अतः जनता को ही सावधानी बरतने की जरूरत है।
नर्मदा को जल्द ही धरातल पर लाएंगे
उन्होंने कहा कि बदनावर क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए नर्मदा का पानी लाने की जो योजना बनाई है उस पर कार्य प्रारंभ हो गया है हम आशा करते हैं कि शीघ्र ही इस क्षेत्र के किसान नर्मदा जल से अपने खेतों को सींचेंगे। प्रोेजेक्ट बहुत बड़ा है। अतः इसमें समय लगेगा लेकिन योजना मूर्तरूप अवश्य लेगी।
उद्योगमंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने कहा कि देश के सबसे बड़े सोया प्लांट की स्थापना के लिए बदनावर को चुना गया। विकास का यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा। आईबी ग्रुप अभी 350 करोड़ का निवेश कर रही है जो आगे जाकर 600 करोड़ तक हो जाएगा। इस प्लांट की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15-20 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही अगले 20 वर्षाे तक राज्य को एक हजार करोड़ की अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी। आने वाले समय में सोयाबीन का रकबा और किसानों की आय दोनों बढ़ेगी। प्लांट पर 365 दिन खरीदी होकर तुरंत भुगतान मिलेगा। लोगों को खा़द्य तेल भी बाजार भाव से 40 से 50 रूपए तक कम दाम में मिलेगा।
आइबी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बहादुर अली ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि जिस क्षेत्र में जो फसल बहुतायत में होती है संबधित उद्योग भी वहीं स्थापित होने चाहिए। पहले यह प्लांट महाराष्ट्र में स्थापित होने जा रहा था किंतु उद्योग मंत्री दत्तीगांव ने मप्र और खासकर बदनावर क्षेत्र में उपजाई जाने वाली सोयाबीन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनके प्रजेंटेशन को देखकर ही हमने इस प्रोजेक्ट को बदनावर में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 3 हजार टन की है। प्लांट को हम डेढ वर्ष में मूर्त रूप देकर उत्पादन प्रारंभ कर देंगे। बदनावर शहर में हम एक डीपो भी स्थापित करेंगे जिससे जनता को थोक भाव में खाद्यान्न तेल उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस अवसर पर मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष राजेश अर्ग्रवाल, पूर्व विधायक खेमराज पाटीदार, महेंद्रसिंह चाचू बना, मनोज सोमानी, विक्रम पटेल, नारायणसिंह देवड़ा, अक्षय शर्मा, उमेश पाटीदार, परमानंद पाटीदार आदि मंचासीन अतिथि थे। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वल्लन व मार्ल्यापण कर विधिवत शुरूआत की। ग्रुप के डायरेक्टर गुलरेज आलम, जुनेद काजी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।