भारत अब अमेरिका को आम का निर्यात कर सकेगा। भारत को नए सत्र में अमेरिका को आम निर्यात के लिए अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की मंजूरी मिल गई है। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका ने 2020 में भारतीय आमों का आयात रोक दिया था। उस समय कोविड-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते यूएसडीए निरीक्षक विकिरण सुविधाओं के निरीक्षण के लिए भारत का दौरा नहीं कर पाए थे। 23 नवंबर, 2021 को कृषि और किसान कल्याण विभाग और यूएसडीए ने ‘‘2 बनाम 2’’ कृषि-बाजार पहुंच मुद्दों को लागू करने के लिए एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
समझौते के तहत दोनों देश भारतीय आम और अनार के निर्यात तथा अमेरिका से चेरी के आयात पर विकिरण को एक संयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि एक संशोधित कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहमति के अनुसार भारत को विकिरण उपचार की पूर्व मंजूरी की निगरानी का चरणबद्ध हस्तांतरण शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि आपसी समझौते के तहत भारत मार्च के बाद से अमेरिका को अल्फांसो किस्म का निर्यात शुरू करेगा। मंत्रालय के अनुसार, भारत ने वर्ष 2017-18 में अमेरिका को 27.5 लाख डॉलर के 800 टन आम का निर्यात किया था। इसी तरह, वर्ष 2018-19 में, 36.3 लाख डॉलर के 951 टन और वर्ष 2019-20 में 43.5 लाख डॉलर के 1,095 टन आम का निर्यात किया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि निर्यातकों से प्राप्त अनुमानों के अनुसार, वर्ष, 2022 में आम का निर्यात वर्ष 2019-20 के आंकड़े को पार कर सकता है। यूएसडीए की मंजूरी महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे पारंपरिक आम उत्पादन क्षेत्रों से निर्यात का मार्ग खोलेगी।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) ने कहा कि इससे आम की अन्य स्वादिष्ट किस्मों, जैसे लंगड़ा, चौसा, दशहरी, फजली, आदि को उत्तर और पूर्वी भारत मसलन उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से निर्यात करने का अवसर मिलेगा।
वर्ष 2020-21 में भारत का कृषि निर्यात 4.75 अरब डॉलर का हुआ था। निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुओं में समुद्री उत्पाद, मसाले, तेल खली, बासमती चावल, डेयरी उत्पाद, कॉफी, तिल, चीनी, काजू, फल, सब्जियां और प्रसंस्कृत फल और फलों का रस शामिल है।