एक और सशक्त पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद यूपी के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ने की है संभावना

पिछले एक माह में आठ पश्चिमी विक्षोभ आए, जिनके कारण जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी पड़ी और शीतलहर व गलन से लोग ठिठुर गए। इन विक्षोभ के कारण बार-बार हवाओं का रुख भी बदला और तापमान में तेजी से गिरावट आई। अब बुधवार को फिर एक नया विक्षोभ पश्चिमी हिमालय पर अपना असर दिखाएगा, जिससे आसमान पर बादल छाएंगे और अगले दो-तीन दिन में बूंदाबांदी व हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने यही संभावना जताई है।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि सोमवार से उत्तर पूर्वी नम हवाओं का मैदानी इलाकों में आना शुरू हो गया है। इसके कारण हवा में नमी की मात्रा बढ़ रही है। तापमान गिर रहा है और शीतलहर व गलन में तेजी से इजाफा हो रहा है। सोमवार को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस रहा। धूप भले ही खिली, लेकिन उत्तर पूर्वी नम हवाओं के कारण शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। अब बुधवार से हिमालय पर सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दी और बढ़ने की संभावना जताई गई है। डा. पांडेय ने बताया कि जनवरी माह में आए आठ पश्चिमी विक्षोभ में से तीन सक्रिय रहे।

उन्होंने पश्चिमी हिमालय के पहाड़ों पर भारी बर्फबारी कराई। अब फरवरी माह में भी पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला शुरू होने के आसार हैं। पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ दो फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पास पहुंचेगा। इससे पश्चिमी हिमालय में चार फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होगी। तीन तारीख को बर्फबारी की तीव्रता सबसे अधिक हो सकती है। चार फरवरी की शाम या रात तक मौसम साफ होना शुरू हो जाएगा। इसके बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ छह से सात फरवरी के बीच लद्दाख, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड को प्रभावित कर सकता है। इससे भी हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इन सभी पश्चिमी विक्षोभ का असर गंगा के मैदानी इलाकों पर भी महसूस किया जाएगा। इसलिए तीन फरवरी के बाद कानपुर सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

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