आज ही के दिन मनाई जाती है वेदों की जननी मां गायत्री की जयंती, जाने शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू शास्त्रों में मां गायत्री को वेदों की मां कहा गया है। मां गायत्री के 10 हाथ और 5 मुख है। जिसमें से 4 मुख वेदों के प्रतीक है और पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। वहीमं दस हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्ना की पत्नी गायत्री देवी है और इनका मूल रूप श्री सावित्री देवी है। आइए जानते हैं गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ- 10 जून सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू

एकादशी तिथि समाप्त- 11 जून सुबह 5 बजकर 45 मिनट में समाप्त

अभिजीत मुहूर्त – 10 जून को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक

शिव योग – 11 जून शाम 08 बजकर 46 मिनट से 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट तक

स्वाति नक्षत्र – 11 जून सुबह 03 बजकर 37 मिनट से 12 जून सुबह 02 बजकर 05 मिनट तक

रवि योग- 10 जून को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 11 जून सुबह 3 बजकर 37 मिनट तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग- 11 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 12 जून सुबह 2 बजकर 5 मिनट तक

गायत्री जयंती पूजा विधि

गायत्री मंत्र

‘ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

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