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उत्तराखंड को 5जी सेवा के लिया करना होगा अगले साल तक का इंतज़ार

देश के चुनिंदा 13 शहरों में एक अक्तूबर से 5जी सेवा शुरू हो गई है। उत्तराखंड में 5जी सेवा अगले साल शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए आईटीडीए राइट टू वे पॉलिसी में बदलाव करने जा रहा है। राज्य सरकार सेवा के लिए राइट टू वे पॉलिसी में बदलाव कर रही है। खंभों और सरकारी भवनों पर उपकरण लगाने की योजना बनाई जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी एक अक्तूबर को देश में 5जी सेवा का उद्घाटन कर चुके हैं। हालांकि उत्तराखंड के किसी शहर में अभी यह सेवा शुरू नहीं हुई है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों और राज्य सरकार ने इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। टेलीकॉम कंपनियों के स्तर पर जहां 5जी नेटवर्क के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, वहीं उत्तराखंड सरकार जरूरी नीतिगत बदलाव कर रही है। इस संबंध में बुधवार को आईटीडीए के अपर निदेशक गिरीश गुणवंत ने बताया कि 5जी सेवा के लिए जरूरी उपकरण काफी नजदीक लगाए जाने हैं। इसके लिए बिजली के खंभों, बस शेल्टर सहित अन्य सरकारी संपत्तियों की मदद ली जानी है। इसके लिए पॉलिसी में बदलाव किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड में 5जी सेवा के लिए करीब 1200 मोबाइल टावर लगाए जाने हैं।

राज्य के 700 गांव में अब भी मोबाइल नेटवर्क नहीं

उत्तराखंड के कुल 15 हजार गांवों में से 700 में अभी तक किसी भी तरह मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं है। इसके अलावा 3739 गांव में अभी 2जी या 3जी से ही काम चलाया जा रहा है। इस कारण राज्य में 5जी नेटवर्क उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण काम साबित होने जा रहा है।

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