जाने शरद पूर्णिमा का महत्व, पढ़े पूरी ख़बर

आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा आदि नामों से जाना जाता है। साल में 12 पूर्णिमा में यह पूर्णिमा सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इस पूर्णिमा में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है। इसके अलावा इसी पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण ने ब्रज मंडल में गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इस दिन मां लक्ष्मी के पूजन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और सुख समृद्धि आती है। इस पूर्णिमा का एक नाम को जाकर व्रत भी है। को शब्द संस्कृत भाषा के जागृति से बना हुआ है।

पूजा -विधि-

शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त-

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