महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे 2020 के पालघर लिंचिंग मामले को सीबीआई को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं है। अप्रैल 2020 में पालघर में उन्मादी भीड़ ने दो हिंदू संतों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मारे गए साधुओं के रिश्तेदार और जूना अखाड़ा साधुओं की मांग है कि इस मामले में सीबीआई जांच करे। इन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तत्कालीन महाविकास अघाड़ी की सरकार ने सीबीआई जांच का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है और जिन पुलिस कर्मियों ने इस में ढिलाई दिखाई थी, उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है।
आपको बता दें कि पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई थी। इस मामले के खिलाफ पूरे देशभर में लोगों का गुस्सा फूटा था। सामने आए वीडियो में घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर भी सवाल उठे थे।
70 साल के कल्पवृक्ष गिरी, सुशील गिरी (35) अपने ड्राइवर नीलेश तेलगाडे (30) के साथ गाड़ी से जा रहे थे, जब पालघर से 100 किलोमीटर दूर स्थित गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने उन्हें बाहर खींच लिया था। इसके बाद उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। दोनों साधु वाराणसी के जूना अखाड़ा के थे और वे सूरत में महंत श्री राम गिरी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे।