अनिल अंबानी के रिलायंस इंफ्रा की दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) की वजह से दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, डीएमआरसी को डीएएमईपीएल का बकाया भुगतान करना है। अब डीएमआरसी ने बकाया भुगतान के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार से रकम मांगी है।
क्या है मामला: दरअसल, अनिल अंबानी की डीएएमईपीएल ने डीएमआरसी से बकाया वसूली के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डीएएमईपीएल का कहना है कि डीएमआरसी ने उसे सिर्फ 166.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। डीएएमईपीएल ने अपनी याचिका में डीएमआरसी के बैंक खातों और सावधि जमा को कुर्क करके 4,427.41 करोड़ रुपये के भुगतान का निर्देश देने की अपील की है।
बढ़ेगी यात्रियों की मुश्किलें: अब डीएमआरसी ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया है कि उसने बकाया रकम के भुगतान के लिए केंद्र और राज्य सरकार से पैसे मांगे हैं। इसके साथ ही डीएमआरसी ने कहा कि इस समय उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है, तो मेट्रो से सफर करने वाले लाखों यात्रियों को दिक्कत हो सकती है।
डीएमआरसी ने कहा, ‘‘यदि डीएएमईपीएल के किसी भी अनुरोध को इस अदालत द्वारा मंजूर की जाता है, तो इससे इस समय डीएमआरसी का संचालन पूरी तरह से ठप हो जाएगा। यह जनहित के खिलाफ होगा। दिल्ली-एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा बनाई गई मेट्रो व्यवस्था पर रोजाना लगभग 48 लाख लोग यात्रा करते हैं।’’
दिल्ली मेट्रो ने आगे कहा कि वह पहले ही लगभग 2,600 करोड़ रुपये की राशि दे चुका है और अपने शेयरधारकों से धन की उम्मीद कर रही है ताकि मध्यस्थ मामले में शेष राशि के भुगतान को पूरा किया जा सके।
दो हफ्ते का मांगा समय: डीएमआरसी की तरफ से आर वेंकटरमणी ने कहा कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली डीएएमईपीएल को भुगतान करना जरूरी है, लेकिन दिल्ली मेट्रो की चिंताएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही डीएएमईपीएल को किए जाने वाले भुगतान के संबंध में तौर-तरीकों को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है।