उत्तर प्रदेश के कानपुर में फर्जी फर्म के जरिए करोड़ों की कर चोरी का एक मामला सामने आया है। जिसके बाद विभाग ने फर्म का पंजियन निरस्त कर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है।
कानपुर की एक फर्जी फर्म के जरिए बिना ई-वे बिल के लगातार कर चोरी की जा रही थी। राज्य कर विभाग की एसटीएफ की जांच में करोड़ों रुपये की कर चोरी सामने आई है। अपर आयुक्त (एसटीएफ) अरविंद कुमार ने बताया कि मामले में कानपुर के व्यापारी का पंजीयन निरस्त करा दिया गया है।
कानपुर में फर्म संचालक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिया गया है। अपर आयुक्त के अनुसार गोपनीय सूचना पर कानपुर नंबर के एक ट्रक को रुकवाकर चेकिंग कराई गई। जांच में सामने आया कि वाहन में कानपुर के रानीगंज स्थित सर्वश्री काकादेव कंपनी माल लदा था।
दो सितंबर, 2022 के बिल पर 20.11 लाख रुपये का माल लोड था, लेकिन उसके लिए कोई ई-वे बिल निर्गत नहीं किया गया था। वाहन में सर्वश्री शिखर पान मसाला के लगभग 10 टन रैपर लोड थे। मामले में नोटिस जारी कर 22.92 लाख रुपये अर्थदंड जमा कराया गया। मामले की और गहनता से जांच किए जाने पर पता चला कि माल भेजने वाली फर्म सर्वश्री काकादेव कंपनी, रानीगंज काकादेव कानपुर (खंड-27) फर्जी है।जिसके द्वारा सरिया, सुपाड़ी, रैपर व अन्य वस्तुओं की आपूर्ति बिना ई-वे बिल के निरंतर की जा रही थी। एसटीएफ की कार्रवाई तक फर्जी फर्म द्वारा 197 टैक्स बिल जारी किए जा चुके हैं। जिनसे लगभग 40 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ और उसमें सात करोड़ रुपये का राजस्व शामिल था।