झारखंड में नगर निकाय चुनाव कराने के लिए कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस चुनाव में इस बार पिछड़े वर्ग को आरक्षण नहीं देने का फैसला लिया गया है। इस वजह से पिछड़ों के लिए आरक्षित छह नगर निकायों में अब सामान्य वर्ग के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ सकेंगे। लिहाजा निकाय चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या पिछली बार की तुलना में बढ़ेगी। कैबिनेट से पारित प्रस्ताव के बाद गजट अधिसूचना जारी होगी।
गजट अधिसूचना जारी होते ही राज्य चुनाव आयोग सक्रिय हो जायेगा। नगर निकायों में नए सिरे से आरक्षण की तालिका के साथ रोस्टर सूची जारी की जाएगी। नगर निकाय के 2018 और 2019 में हुए चुनावों में पिछड़ों को आरक्षण का प्रावधान किया गया था। इसमें धनबाद नगर निगम, सरायकेला-खरसांवा नगर परिषद में साहिबगंज व सरायकेला-खरसांवा के कपाली नगर परिषद के अलावा नगर पंचायतों में छतरपुर, चुनाव क्षेत्र पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित थे। पिछड़ों को आरक्षण नहीं देने के निर्णय के बाद होने वाली सभी चुनावी तैयारियां और आरक्षण के प्रावधान उसी के अनुसार तैयार होंगे।
आजसू पार्टी के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा, ‘राज्य की हेमंत सरकार ने ओबीसी के हक को कुचलने और गला घोटने का का काम किया है। सरकार की मंशा ओबीसी विरोधी है। यह ओबीसी को आरक्षण दिये बगैर निकाय चुनाव कराने संबंधी कैबिनेट के निर्णय से स्पष्ट है।’