बिहार सरकार उन बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूल में लाएगी जो किसी कारण से पढ़ाई से दूर हो चुके हैं। राज्यभर में पढ़ने-लिखने की उम्र में कॉपी-किताब से किसी भी वजह से दूरी बनाए बच्चों की पहचान की जाएगी। आर्थिक तंगी, अभिभावक के नहीं होने, पढ़ाई में मन नहीं लगने या अन्य तमाम कारणों से स्कूल से बाहर रहने वाले या बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ चुके 6 से 18 साल के बच्चों की खोज की जाएगी। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का यह अभियान नवम्बर के पहले ही सप्ताह से आरंभ हो जाएगा और तकरीबन तीन सप्ताह चलेगा। अभियान को संयोजित करने का जिम्मा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला है जबकि इसमें हेडमास्टर, शिक्षक से लेकर जिला और प्रखंडों के तमाम शिक्षा अधिकारी काम करेंगे। साथ ही समाज की भी मदद ली जाएगी।