योगी आदित्यनाथ सरकार अब यूपी में स्टार्टअप को एक साल के लिए 17500 रुपये महीना प्रोत्साहन भत्ता देगी। वहीं उत्पाद बनाने के लिए पांच लाख रुपये और बाजार में लांच करने पर साढ़े सात लाख रुपये दिए जाएंगे। नीति के तहत अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की संख्या तीन से बढ़ा कर 10 कर दी जाएगी। नीति में संशोधन के लिए आईटी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
अभी तक स्टार्टअप के 15000 रुपये मासिक भत्ते को बढ़ाकर 17500 रुपये यानी एक वर्ष में कुल 210000 दिए जाएंगे। वहीं पांच लाख रुपये प्रोटोटाइप की नई ग्रांट लाई जाएगी और लांच करने की धनराशि पांच लाख से बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये कर दी जाएगी यानी एक स्टार्टअप यदि शुरुआत से मार्केट लांच तक यूपी की स्टार्टअप नीति के तहत रहता है तो उसे कुल 14,60000 रुपये मिलेंगे। संशोधित नीति में आधा दर्जन नए क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें महिलाओं के नेतृत्व, ग्रामीण प्रभाव वाले, सर्कुलर इकोनॉमी, सौर ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, व्यवसायीकरण आदि को शामिल किया गया है। फरवरी में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले नीति में संशोधन किया जाएगा।
प्रदेश में 7200 स्टार्टअप रजिस्टर्ड
अब आइडिया से उत्पाद बनाने और उसे बाजार में लांच करने की आर्थिक मदद अलग-अलग दी जाएगी। प्रदेश में अभी तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हैं, जिनमें पीजीआई में मेडिटेक सीओआई संचालित है। आईआईटी कानपुर के नोएडा परिसर में एआई और आईआईटी कानपुर परिसर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय समिति की संस्तुति पर कार्य शुरू हो गया है। इस समय प्रदेश में 52 सरकारी मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स हैं और इनमें 7200 स्टार्टअप पंजीकृत हैं।