सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 से 2006 के बीच कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों से जुड़ी याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की। इन मामलों की निगरानी के लिए अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एचएस बेदी की अगुआई में एक समिति गठित की थी।
मामलों की जांच के लिए समिति गठित
बता दें कि जस्टिस बेदी को 17 कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच करने वाली निगरानी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में 2019 में एक रिपोर्ट सौंपी थी। समिति ने 17 मामलों में से तीन में पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी।
मामले में होगी अगली सुनवाई
यह मामला बुधवार को जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था। पीठ मार्च में फिर से मामले की सुनवाई शुरू करेगी। पीठ ने कहा कि सभी पक्षकारों को सुनने के बाद यह सामने आया कि आखिरकार यह मुद्दा अब तीन मुठभेड़ों के इर्द-गिर्द घूम रहा है।
फर्जी मुठभेड़ों से जुड़े मामले
मालूम हो कि अदालत कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच के लिए 2007 में वरिष्ठ पत्रकार बीजी वर्गीज (अब दिवंगत) और गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।