सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) नियमों में संशोधन के इसी हफ्ते जारी मसौदा प्रस्तावों के अनुसार केंद्र सरकार फेक चिह्नित किसी भी सूचना को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित करने की अनुमति नहीं देगी। इस कदम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों पर लगाम लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
सरकार उठाने जा रही है कदम
मसौदे के मुताबिक, प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो या सरकार द्वारा तथ्यों की जांच के लिए अधिकृत किसी अन्य एजेंसी या सरकार के किसी विभाग द्वारा फर्जी या गलत (फेक या फाल्स) चिह्नित किसी भी सूचना को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसके बाद इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों या अन्य आनलाइन इंटरमीडयरी को यह सुनिश्चित करने के तार्किक प्रयास करने होंगे कि यूजर्स ऐसी सूचनाएं होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मोडिफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, स्टोर, अपडेट या शेयर नहीं कर पाएं।
सरकार अकेले नहीं कर सकती फैसला: एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने सरकार से नियमों से नए संशोधन हटाने का अनुरोध किया है। गिल्ड का कहना है कि प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करके सरकार यह फैसला अकेले नहीं कर सकती। इसके लिए उसे प्रेस संस्थाओं, मीडिया संगठनों व अन्य हितधारकों से परामर्श की पहल करनी चाहिए।