भारतीय खेल मंत्रालय विवादों का असर खेलों पर नहीं पड़ने देना चाहता है और इसीलिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने लगातार दो दिन गुरुवार, शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का विरोध कर रहे पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फौगाट, साक्षी मलिक, रवि दहिया, दीपक पूनिया के साथ बैठकें कीं। गुरुवार को करीब चार घंटे और शुक्रवार को पांच घंटे से ज्यादा चली बैठक में पहलवानों को ध्यान से सुना गया।
पहलवानों ने शुक्रवार को हुई बैठक में सारा गुस्सा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पर निकाला। उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार बहुत रूखा है। वह चिल्लाते हैं। पहलवानों की इज्जत नहीं करते। इसके अलावा बिना राष्ट्रीय कुश्ती टूर्नामेंट खेले भारतीय टीम में नहीं चुने जाने और स्पांसर से करार से पहले डब्ल्यूएफआई से सहमति लेने की शर्त के बारे में भी बताया गया।
महिला पहलवानों ने खेल सचिव से की अलग बात
खेल मंत्री ने महिला पहलवानों से कहा कि अगर आपको यौन शोषण के मामलों को मेरे सामने बताने में कोई दिक्कत हो रही है तो आप अलग कमरे में जाकर खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी को बता सकती हैं। खेल मंत्री ने इस बात का पूरा खयाल रखा कि महिला पहलवानों को अपनी शिकायतें बताने में कोई दिक्कत नहीं हो। विनेश, साक्षी सहित बैठक में मौजूद महिला पहलवानों में से कुछ ने सुजाता से अलग बात भी की। उन्हें अपने आरोपों से अवगत कराया। हालांकि यह सब मौखिक बाते हैं। यौन शोषण का कोई सुबूत नहीं पेश किया गया है।
खेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब लगा कि बातचीत टूट जाएगी लेकिन हम लोग चाहते थे कि देश की बदनामी भी नहीं हो और अगर कुछ गलत हुआ है तो उसका सच सामने आए। रविवार को कमेटी की घोषणा की जाएगी और वो चार सप्ताह में जांच करके देगी। जो भी आरोप लगे हैं, उन सभी की जांच होगी। हम किसी को भी बख्शने नहीं जा रहे। वहीं, ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवान रविवार को कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे क्योंकि हमें सरकार पर पूरा भरोसा है। हमें जितना समय दिया गया है, हम तब तक इंतजार करेंगे। हम न्याय मिलने का इंतजार करेंगे और फिर निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है।