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जानिए महाशिवरात्रि का महत्व…

महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जा रहा है। ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो इस बार शिवरात्रि पर त्रिग्रही योग बन रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस योग के बनने के कारण, इन तीनों ग्रहों से पीड़ित जातकों को महाशिवरात्रि पर कास पूजा अर्चना बहुत फलदायी होगी। इसमें शनिदेव की पूजा खास है। महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। इसके अलावा 13 फरवरी सूर्य भी इसी राशि में शनि के साथ आ जाएंगे। सूर्य के अलावा चंद्रमा भी इस दौरान कुंभ राशि में रहेंगे। ग्रहों की यह स्थिति त्रिग्रही योग का निर्माण कर रही है।

ऐसा कहा जाता है शनि, सूर्य और चंद्रमा का महाशिवरात्रि पर एक ही ग्रह में रहना बहुत दुर्लभ , लेकिन लाभकारी होगी। इस योग शिवजी का पूजन शनि की महादशा और साढ़ेसाती, ढैया से पीड़ित जातकों के लिए शाक होता है। इस योग में इनसे पीड़ित जातक विभिन्न  उपाय कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। इसलिए इस महाशिवरात्रि का व्रत रखने और महादेव की पूजा करने से शनि के भी दोष दूर होंगे।


इस समय मकर, कुंभ, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इसलिए इन राशि के जातकों को शिवरात्रि पर शिवजी का विशेष रुद्राभिषेक करवाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होने से इन राशियों की समस्याएं कम होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन गुरु मीन राशि में और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में होंगे, ऐसे में मितुन, कन्या, धनु और मीन वालों को धन लाभ के संकेत हैं। 

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