आईए जानें ज्येष्ठ मास का महत्व…

विक्रम संवत 2080 का तीसरा महीना यानी ज्येष्ठ मास आज से शुरू हो चुका है। यह महीना वरुण देव, हनुमान जी और सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। शास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास में धरती पर सूर्य की तेज किरने पड़ती है और गर्मी अपने चरम पर होती है। इसलिए इस मास में वरुण देव की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही शास्त्रों में बताया गया है कि इस महीने में पानी की बर्बादी से व्यक्ति को बचना चाहिए क्योंकि गर्मी के मौसम में पानी का महत्व बढ़ जाता है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास के कुछ ऐसे ही नियम, जिनका पालन करने से व्यक्ति को नहीं करना पड़ता है समस्याओं का सामना।

जिस मास में रखें इन बातों का ध्यान

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