टीएलपी कार्यकर्ताओं ने एके 47 और अन्य आटोमैटिक हथियारों से शुरू कर दी फायरिंग….

आतंकवाद और कट्टरपंथी ताकतों को भड़काकर पड़ोसी देशों को अशांत करने की कोशिश अब पाकिस्तान का ही दामन जला रही है। बुधवार को कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) समर्थकों और पुलिस के टकराव में चार पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। लाहौर से 50 किलोमीटर दूर हुए खूनखराबे में कट्टरपंथी उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारीं। इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे टीएलपी समर्थकों का लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर सादहोके में पुलिस से टकराव हुआ। यहां पर आंसू गैस छोड़े जाने के साथ ही टीएलपी समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया। लेकिन जवाब में टीएलपी कार्यकर्ताओं ने एके 47 और अन्य आटोमैटिक हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। इससे कानून व्यवस्था नियंत्रित करने आए पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई और कुछ ही देर में दर्जनों पुलिस वाले घायल अवस्था में जमीन पर गिरकर तड़पने लगे। इसके बाद पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और गोली का जवाब गोली से देना शुरू किया। पता चला है कि सूचना मिलने पर हेलीकाप्टर से सुरक्षा बल पहुंचे और हालात को काबू करने के लिए उन्होंने ऊंचाई से ही फायरिंग की।

इलाके में दस हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात

इलाके में तनाव को देखते हुए सीमा पर लगाए जाने वाले रेंजर तैनात कर दिए हैं। दस हजार पुलिसकर्मियों को लाहौर से बुलाकर तैनात किया गया है। इलाके की मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। टीएलपी के प्रवक्ता इब्ने इस्माइल ने कहा है कि उनके चार कार्यकर्ता पुलिस की सीधी गोलीबारी में मारे गए हैं। कहा कि हेलीकाप्टर से आकर पुलिसकर्मियों ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग की। हफ्ते भर से जारी टीएलपी के आंदोलन में अभी तक सात पुलिसकर्मियों समेत 18 लोगों की मौत हो चुकी है।

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