आज जानेंगे क्या है जूनाेटिक राेग इसके प्रकार और इससे बचाव..

3 हर साल 6 जुलाई को वर्ल्ड जूनोज डे मनाया जाता है। यह दिन लोगों को जूनाेटिक बीमारी के प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल मनाया जाता है। जूनाेटिक राेग शब्द का इस्तेमाल उन बीमारियों के लिए किया जाता है जो मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलती है। इस खास मौके पर आज जानेंगे क्या है जूनाेटिक राेग इसके प्रकार और इससे बचाव-

 दुनियाभर में आज वर्ल्ड जूनोज डे मनाया जा रहा है। जूनोज शब्द का इस्तेमाल जूनाेटिक राेग के लिए किया जाता है, जो आमतौर पर एक संक्रमण है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। यह बीमारियां वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और फंगस जैसे हानिकारक कीटाणुओं की वजह होती हैं, जो मनुष्य में हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और मौत का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में वर्ल्ड जूनोज डे के मौके पर आज बात करेंगे जूनाेटिक राेगों और उनके बचाव के बारे में-

क्या होते हैं जूनाेटिक राेग?

जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों को जूनोटिक बीमारियां कहा जाता है। यह बीमारियां किसी जानवर के जरिए वायरस, बैक्टीरिया पैरासाइट, प्रोटोजोआ और फंगी से इंसानों तक फैलती हैं और उन्हें बीमार कर देती है। ऐसे में इन बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद हर साल वर्ल्ड जूनोज डे मनाया जाता है।

कैसे फैलते हैं जूनाेटिक राेग?

यह बीमारियां आमतौर पर संक्रमित जानवर की लार, रक्त, मूत्र, बलगम, मल या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के सीधा संपर्क में आने से इंसानों में फैलता है। इसके अलावा निम्न तरीकों से भी यह बीमारी इंसानों तक पहुंचती है-

किन लोगों को रहता ज्यादा खतरा

जूनाेटिक राेग कौन-कौन से हैं?

इलाज से बेहतर है बचाव

जूनोटिक रोग गंभीर रूप ले सकते हैं। यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति में हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और मौत का कारण तक बन सकती हैं। ऐसे में इस बचाव के लिए जरूरी है कि कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। जूनोटिक बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। साफ पानी पीएं और खाना पकाने के लिए सुरक्षित और साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा अपने पालतू जानवरों को रेबीज जैसी जरूरी वैक्सीन लगवाएं।

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