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गाेवंश की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की गंभीरता के चलते अब गायों निगरानी के लिए लगेगी नई माइक्रोचिप

गाेवंश की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की गंभीरता के चलते अब गायों निगरानी के लिए नई माइक्रोचिप लगेगी। उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर नकेल कसने और उनकी पड़ताल के लिए पशुपालन विभाग नई योजना पर काम कर रहा है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की पहल पर विभाग गाेवंशों में माइक्रो चिप लगाएगा। चिप की यूनिक आइडी के माध्यम से मवेशियों की आनलाइन निगरानी की जाएगी।

लखनऊ समेत सभी जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को इसे शुरू करने की निर्देश जारी किए गए हैं। पशुओं की ‘फील्ड परफार्मेंस रिकार्डिंग की तकनीक से लैस चिप में मवेशियों के मालिक के नाम से लेकर उसकी पूरी वंशावली का पता चल जाएगा। आधार कार्ड की भांति टैग नंबर पर क्लिक करते ही पशु की प्रजाति, दुग्ध उत्पादन क्षमता और उसकी सेहत की जानकारी तुरंत कंप्यूटर के सामने होगी।  

60 लाख गायों में लगेगी चिपः पशुपालन विभाग की ओर से पहले चरण में 60 लाख गायों में चिप लगाई जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में छह करोड़ समवेशी है और उनमे से गायों और भैंसों की संख्या तीन करोड़ है। सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों के निर्देशन में पशुधन प्रसार अधिकारी पैरा मेडिकल स्टाप घर-जाकर टीकाकरण के साथ चिप लगाएगा। मवेशियों के खुर और कान में चिप लगेगी। 

लोकेशन की पड़तालः चिप लगते ही मवेशियों की लोकेशन का पता चल जाएगा। चिप को नष्ट करने या फिर मवेशियों के प्रताडि़त करने और स्लॉटर हाउस में जाने तक की जानकारी पशुपालन विभाग के पास आ जाएगा। चिप से मवेशियों की तस्करी पर विराम लगाने का भी दावा किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के उप निदेशक नियोजन डा. वीके सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की पहल पर यूनिक आइडी चिप लगाने की तैयारियां पूरी हो गईं हैं। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को चिप का वितरण किया जा चुका है। आधारकार्ड भी भांति आनलाइन नंबर डालते ही पूरी वंशावली का पता चल जाएगा। नई माइक्रोचिप पुरानी चिप से अपग्रेड है। 

सूबे पर एक नजर 

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