लखनऊ, 7 जनवरी 2024: आज माल एवेन्यू लखनऊ में होटल लिबुआ में साहित्यकार के.पी.एस. वर्मा ने अपने 75वें जन्मदिवस के मौके पर दो कहानी संग्रह “कुछ टूटने की आवाज” और “भूल गया सब कुछ” का विमोचन किया। के.पी.एस. वर्मा द्वारा रचित पुस्तकें अपनी मर्मस्पर्शीय कहानियों के जरिए समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाने का प्रयास करती हैं।
श्री वर्मा ने अपनी पुस्तक “कुछ टूटने की आवाज” के बारे में बताया कि इसमें आठ सरल और आम बोलचाल की भाषा में सुसज्जित कहानियां हैं। इन कहानियों के माध्यम से उन्होंने मनुष्य की विभिन्न परिस्थितियों और अंतर्मन की संवेदनशीलता का दर्शन कराया है। “कुछ टूटने की आवाज” को इस वर्ष की प्रथम 10 श्रेष्ठ पुस्तकों में सम्मिलित किया गया है।
उनकी दूसरी पुस्तक “भूल गया सब कुछ” में व्यंग्य लेखों का संग्रह है, जो हंसी और मनोरंजन के माध्यम से गमगीन माहौल को हल्का बनाता है। यह लेखों का संग्रह चेहरे पर मुस्कान लाने और गमगीन माहौल को हल्का बनाने में काफी हद तक सफल होता है।
श्री वर्मा का जन्म 10 जनवरी 1949 को एटा जिले के जलालपुर गांव में हुआ था। उन्होंने ग्रामीण परिवेश में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और रुड़की विश्वविद्यालय तथा आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपने करियर के दौरान बोकारो स्टील प्लांट, रेलवे विभाग, और आरडीएसओ, लखनऊ में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
वर्ष 2009 में आरडीएसओ, लखनऊ के कार्यकारी निदेशक के रूप में रिटायर होने के बाद श्री वर्मा ने हिंदी साहित्य में अपनी रुचि को पूरा करने का निर्णय लिया।
श्री वर्मा ने अपने 75वें जन्मदिवस के इस खास मौके पर अपनी पुस्तकों का विमोचन करते हुए साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद दिया और उनसे आगामी साहित्यिक यात्रा में साथी बनने की आमंत्रण दिया।