उत्तराखंड : हल्द्वानी हिंसा में बाप-बेटे समेत छह की मौत

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया। पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहन फूंक दिए गए। आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए, तो सबसे पहले अधिकारी जान बचाने के लिए मौके से भाग लिए। पुलिस व निगम टीम जैसे-तैसे वहां से निकली। प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए हैं। पिता-पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

पुलिस सुरक्षा में नगर निगम की टीम बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे व धर्मस्थल को ढहाने के लिए पहुंची।  जेसीबी जैसे ही अवैध धर्मस्थल की ओर बढ़ी स्थानीय लोग भड़क गए और पथराव कर दिया। पुलिस और निगम की टीम तीनों ओर से घिर गई। पथराव के बीच लोगों ने जेसीबी तोड़ दी और पुलिस की जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी।

पथराव से 150 के करीब पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया लेकिन छतों से हो रहे पथराव के बीच पुलिसकर्मियों के लिए मुश्किल हो रही थी। पुलिस अंदर न आ पाए, इसके लिए उपद्रवियों ने गलियों के आगे टायर जलाकर रास्ता रोक दिया। पुलिस उपद्रवियों से निपट रही थी, तभी दूसरी ओर कुछ लोगों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया। अफसरों के वहां से निकलने से नेतृत्वविहीन हुई पुलिस व निगम की टीम वहां से किसी तरह बचते-बचाते हुए निकली।

कब क्या हुआ

पुलिस ने देर रात की कई राउंड फायरिंग 
बता दें कि, देर शाम पूरे शहर में कर्फ्यू लगाने और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश के बीच बनभूलपुरा में पुलिस ने 350 राउंड से अधिक फायरिंग की। इसमें दो लोगों को गोली लगने पर सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसमें एक युवक की अस्पताल लाते समय जबकि दूसरे की उपचार के दौरान मौत हो गई। देर रात अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती पिता-पुत्र समेत चार अन्य लोगों की भी मौत हो गई।

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