इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले सोमवार तक इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम हो जाएगा।
साथ ही, उन्होंने कहा कि अब तक युद्धविराम को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही सब साफ हो जाएगा। युद्धविराम पर पूछे गए एक सवाल पर जो बाइडन ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस सप्ताह के शुरुआत में या अंत तक युद्ध विराम हो जाएगा।”
इस सप्ताह नतीजे पर पहुंचेगी चर्चा
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “मेरे सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि अब तक युद्धविराम हुआ नहीं है, लेकिन हम इसके करीब पहुंच गए हैं। मुझे उम्मीद है कि अगले सोमवार तक युद्धविराम हो जाएगा।” एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए रखी शर्तों में कुछ शर्तों को दरकिनार कर दिया है और गाजा पर हमले करना बंद कर दिया है।
पेरिस में हुई युद्ध विराम को लेकर बैठक
चर्चा में शामिल हो सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पक्ष के बीच समझौता होगा, जिसमें युद्धविराम और इजरायली बंधकों की रिहाई का जिक्र किया गया है। अमेरिका, मिस्र और इजरायल के खुफिया प्रमुखों और कतरी प्रधानमंत्री के बीच पेरिस में हुई बैठक के बाद, बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमास द्वारा इजरायली बलों की पूर्ण वापसी और युद्ध के अंत पर जोर देने के संदर्भ में प्रमुख बाधाओं का समाधान किया गया है।”
फलस्तीनियों की रिहाई की मांग में आई गिरावट
अधिकारी ने कहा, “हमास द्वारा फलस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग में थोड़ी गिरावट आई है।” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा है कि हमास ने सौदे के पहले चरण पर समझौते से पहले अपनी स्थिति नरम कर ली है। हालांकि, संभावना है कि आने वाले समय में जब हमास के कैद में फंसे IDF बंधकों और युद्ध के अंत को लेकर चर्चा होगी, तो काफी रोड़े देखने को मिल सकते हैं।
चारों पक्षों के बीच बनी समझ
इससे पहले रविवार को, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि पेरिस बैठक के परिणामस्वरूप उन चारों के बीच एक समझ बनी कि अस्थायी युद्ध विराम के लिए बंधक समझौते की बुनियादी रूपरेखा कैसी होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, “कतर और मिस्र को हमास के साथ अप्रत्यक्ष चर्चा करनी होगी, क्योंकि उन्हें बंधकों को रिहा करने के लिए सहमत होना होगा। इस पर काम चल रहा है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में, हम उस बिंदु तक पहुंच सकते हैं जहां वास्तव में इस मुद्दे पर एक दृढ़ और अंतिम समझौता होगा।”