जर्मनी में नए गठबंधन ने भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों की रूपरेखा तैयार की है और चीन से शांति, स्थिरता के लिए जिम्मेदार भूमिका निभाने की उम्मीद जताई है। ओलाफ स्कोल्ज के नेतृत्व में नव निर्वाचित त्रिपक्षीय गठबंधन, जो सोशल डेमोक्रेट्स, ग्रीन्स और लिबरल के बीच गठित हुआ है, ने कहा है कि जर्मनी का भारत के साथ गहरा संबंध बना रहेगा।
इस दस्तावेज में भारत और भारत-जर्मन रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के महत्व का एक मजबूत संदर्भ है। गठबंधन संधि में भारत का प्रमुख रूप से उल्लेख किया गया है, जो दोनों देशों के बीच साझेदारी के लगातार बढ़ते महत्व का संकेत देता है। हालांकि, गठबंधन ने दूसरी तरफ चीन से निपटने के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है। इसके मुताबिक गठबंधन को चीन के साथ अपने संबंधों को साझेदारी, प्रतिस्पर्धा और प्रणालीगत प्रतिद्वंद्विता के आयाम में आकार देना होगा। मानवाधिकारों और लागू अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर हम जहां भी संभव हो चीन के साथ सहयोग चाहते हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि हम चीन के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा में निष्पक्ष नियम चाहते हैं।
गठबंधन दस्तावेज में यह भी उल्लेख किया गया है कि चीनी विदेश नीति से हमारी अपेक्षा यह है कि यह अपने पड़ोस में शांति और स्थिरता के लिए एक जिम्मेदार भूमिका निभाएगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों को किस आधार पर सुलझाया जाए।