ओएनजीसी को मुंबई हाई ऑयल फील्ड के लिए विदेशी भागीदारों की तलाश

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) अपने प्रमुख तेल क्षेत्र मुंबई हाई में घटते उत्पादन की स्थिति बदलने के लिए विदेशी भागीदारों की तलाश कर रही है। इसके लिए उन्हें बढ़े हुए उत्पादन से राजस्व का एक हिस्सा और एक निश्चित शुल्क की पेशकश की गई है। हालांकि, कोई इक्विटी हिस्सेदारी नहीं दी जाएगी।

75 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व की शर्त
ओएनजीसी ने एक जून को एक अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की, जिसमें कम से कम 75 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व वाले वैश्विक तकनीकी सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को आमंत्रित किया गया।टीएसपी को क्षेत्र के प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा करनी होगी और सुधारों की पहचान करनी होगी। साथ ही उत्पादन में सुधार के लिए उपयुक्त तकनीकी हस्तक्षेप को लागू करना होगा।

15 सितंबर तक जमा करनी है बोली
बोलीदाताओं से 10 साल की अनुबंध अवधि के दौरान तिमाही आधार पर वृद्धिशील उत्पादन के साथ ही बेसलाइन उत्पादन के बारे में बताना होगा। इसके अलावा बढ़े हुए तेल और गैस उत्पादन की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में उन्हें कितना हिस्सा चाहिए, यह भी बताना होगा। बोलियां 15 सितंबर, 2024 तक दी जानी हैं।

निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि उच्चतम वृद्धिशील उत्पादन और सबसे कम राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश करने वाले टीएसपी को उसके प्रयासों के लिए एक निश्चित सेवा शुल्क भी दिया जाएगा। मुंबई हाई फील्ड (पहले बांबे हाई फील्ड) भारत का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है, जो मुंबई तट से अरब सागर में लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है।

ONGC के शेयरों का हाल
ओएनजीसी के शेयर शुक्रवार को 3.25 फीसदी बढ़कर 260.50 रुपये पर बंद हुए। ओएनजीसी ने पिछले 6 महीने में निवेशकों को करीब 32 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले एक साल में निवेशकों को कंपनी से 68 फीसदी से अधिक मुनाफा हुआ है।

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