आंध्र प्रदेश के तट से आज चक्रवात तूफान ‘जवाद’ टकराएगा। राज्य में लगातार बारिश दर्ज हो रही है। कुछ स्थानों पर 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं है। इतना ही नहीं प्रदेश की सरकार ने अलर्ट भी जारी कर दिया है।
चक्रवात तूफान ‘जवाद’ को लेकर प्रशासन पहले ही अलर्ट मोड पर है। बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवात का असर सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश-ओडिशा और बंगाल में देखने को मिल सकता है। जानमाल के संभावित नुकसान से बचने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया है। स्कूल- कालजों के साथ कई ट्रनों को रद कर दिया गया है। इसके अलावा बंगाल और ओडिशा में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। ओडिशा के पूरी में भी चक्रवात तूफान जवाद को लेकर चेतावनी जारी की गई है। सभी मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है
भारत मौसम विज्ञान विभाग की माने तो जवाद के आज सुबह उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद पुरी में रविवार को भारी बारिश होने हो सकती है। इस दौरान 80 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। IMD ने यह भी बताया है कि चक्रवाती तूफान अस्थायी अवधि के लिए समुद्र में बड़े तूफान में तब्दील हो जाएगा और 110 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले से 3- 4 दिसंबर को लगभग 65 ट्रेनों को रद कर दिया गया है। शुक्रवार को पूर्वी तट रेलवे ने यह जानकारी दी है। पूर्वी तट रेलवे के शीर्ष अधिकारी ए.के. त्रिपाठी ने कहा कि चक्रवात जवाद के चलते इन सभी ट्रेनों का रद किया गया है। तूफान के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी विशाखापट्टनम और श्रीकाकुलम जिलों के सभी स्कूलों को शनिवार तक बंद करने का आदेश दिया है। चक्रवात तूफान से निपटने को लेकर केंद्र व राज्य सरकारें पूरी तरह अलर्ट हैं।
बता दें कि चक्रवाती तूफान जवाद के चलते तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने तीनों राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही इस दौरान उत्तरी महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिमी तटीय इलाकों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस बीच, लगभग 46 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में 46 टीमों को तैनात किया गया है।
शुक्रवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने चक्रवाती तूफान जवाद से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।