OpenAI ने पिछले साल ChatGPT लॉन्च को लॉन्च कर आम यूजर्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत से रूबरू करवाया था। ओपनएआई की चीफ टेक्नीकल ऑफिसर (सीटीओ) मीरा मुराती ने इसके अगले वर्जन को लेकर जानकारी शेयर की है। उनका कहना था कि ChatGPT के अगले वर्जन की इंटेलिजेंस Phd लेवल की होगी।
मीरा मुराती का कहना है कि GPT-3 में इंटेलिजेंस टूडलर लेवल और GPT-4 की हाई-स्कूल लेवल की थी। इसके साथ ही जीपीटी के आने वाले जेनरेशन की इंटेलिजेंस स्पेशल प्रोजेक्ट में पीएचडी स्कॉलर जैसी होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि GPT का अगला वर्जन आने वाले डेढ़ साल में पेश किया जा सकता है। उन्होंने दावा करते हुए हुए का कि जीपीटी के अपकमिंग वर्जन से जब आप बात करेंगे तो बहुत से चीजों में यह आपको खुद से ज्यादा स्मार्ट भी लगेगा।
इंसानों के साथ मिलकर काम करेंगे AI एजेंट
OpenAI के CTO मीरा मुराती जब पूछा गया कि क्या ऐसा संभव है कि एआई इस हद तक इंटेलिजेंस हो जाए कि वह खुद तय करें कि इंटरनेट कनेक्ट होने के साथ काम करना शुरू कर दे। इस पर मीरा बड़ी दिलचस्प बात कही। उनका कहना था कि भविष्य में हमारे पास ऐसे AI सिस्टम होंगे जिनके पास एजेंट कैपेबिलिटी होगी।
एआई एजेंट इंटरनेट से कनेक्ट होंगे, एक दूसरे से बात करेंगे। इसके साथ ही एजेंट एक-दूसरे के साथ काम करेंगे। इसके साथ ही ये इंसानों के साथ भी बड़ी सहजता के काम करेंगे। यह ऐसा ही होगा जैसे इंसान एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं।
जोखिम संभव लेकिन सभी को लेनी होगी जिम्मेदारी
डीपफेक को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में मीरा मुराती कहती हैं AI जैसी टेक्नोलॉजी के साथ जोखिम संभव हैं। वे कहती हैं कि जोखिम कम हो इसकी जिम्मेदारी उनकी है, क्योंकि यह उनकी तकनीक है। लेकिन, उनके साथ-साथ यूजर्स, समाज, सरकार और कॉन्टेंट क्रिएटर्स की भी जिम्मेदारी उतनी ही है।
सभी को प्रभावित करेगा एआई
AI का प्रभाव पर बात करते हुए वह कहती हैं कि ChatGPT ने आम यूजर्स को यह बताया कि AI क्या कर सकता है और इसके जोखिम क्या हैं। AI के बारे में पढ़ना और इसे इस्तेमाल करना अलग बात हैं। जब आप इसे आजमाते हैं तो इसकी सीमाएं और अद्भुत क्षमताओं से परिचित होते हैं। उनका कहना था एआई हम सभी प्रभावित करेगा। ऐसा कोई सेक्टर नहीं होगा जहां एआई अपना प्रभाव नहीं डालेगा। हो सकता है कि इसमें कुछ वक्त लगे।