पपीते को अक्सर लोग पका हुआ ही खाते हैं, जो स्वाद में भी अच्छा होता है और सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पका पपीता पेट के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है, लेकिन कच्चे पपीते को भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। कच्चा पपीता पाचन दुरुस्त रखता है, प्रोटीन को अमीनो एसिड में बदलता है, कब्ज और मितली से राहत दिलाता है और महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी में इससे परहेज करना चाहिए। इसके अलावा कच्चा पपीता खाने से कई फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं कच्चा पपीता के खाने के 5 फायदे-
पीलिया
पीलिया, जिसे Jaundice भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है। इसमें कच्चा पपीता काफी गुणकारी साबित होता है। पीलिया में हर तीन घंटे में आधा गिलास पपीते का जूस पीने से आराम मिलता है। पपीते में डाइजेस्टिव एंजाइम पपेन होता है,जो एक प्रोटीयोलाइटिक एंजाइम हैं, जिससे दवाइयां बनाई जाती हैं। ये पीलिया के इलाज में भी मदद करता है।
बॉवेल मूवमेंट में सुधार
कच्चा पपीता एंटी पैरासिटिक और एंटी अमेबिक होता है, जिससे पाचन के साथ बॉवेल मूवमेंट में सुधार होता है, कब्ज से राहत मिलती है। साथ ही यह अपच, एसिड रिफ्लक्स, अल्सर, सीने में जलन और गैस्ट्रिक समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
अस्थमा
पपीते के सूखे पत्ते अस्थमा के अटैक के दौरान बहुत काम आते हैं। साल 2022 में हुई एक स्टडी के अनुसार पपीते में बीटा कैरोटिन, लाइकोपीन और जेक्सैन्थिन जैसे ऑर्गेनिक कंपाउंड पाए जाते हैं, जिनके सेवन से अस्थमा के अटैक से बचाव किया जा सकता है।
मलेरिया
कच्चे पपीता में मौजूद विटामिन ए और सी मलेरिया के मरीज की इम्युनिटी बढ़ाता है और बॉडी डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। पपीते के पत्ते के सेवन से मलेरिया और डेंगू के मरीजों में घटे हुए प्लेटलेट काउंट को बढ़ाया जाता है। ये एक बेहतरीन एंटी मलेरियल आयुर्वेदिक औषधि है।
मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स से राहत
पपीते में मौजूद बीटा कैरोटिन शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के संचालन में मदद करता है। ये पीरियड्स को नियमित करता है और इस दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।