विदेश ही नहीं देश में भी हाइब्रिड कारों को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे की वह एक्सपर्ट पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत और इलेक्ट्रिक कारों का महंगा होना बताया है। इसके साथ ही और भी कई कारण है जिसकी वजह से लोग इलेक्ट्रिक से ज्यादा हाइब्रिड कारों को पसंद कर रहे हैं। आइए जानते है इसके बारे में।
इन वजहों से हाइब्रिड कारों को किया जा रहा पसंद
- हाइब्रिड कारों का माइलेज इलेक्ट्रिक के मुकाबले अच्छा होता है। इसमें लॉन्ग रूट पर 25 से 30 किमी प्रति लीटर का माइलेज मिलता है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाइब्रिड कारों की रनिंग कॉस्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल के मुकाबले कम होती है।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की समस्या ज्यादा है। वहीं, हाइब्रिड कारें फ्यूल और बैटरी दोनों पर आसानी से चलती है। जिसकी वजह से इन्हें चार्ज करने की चिंता नहीं होती है।
- इलेक्ट्रिक कारों में कम चार्जिंग में लंबी दूरी तय करने की समस्या बरकरार है। इस चिंता से आपको हाइब्रिड कारें दूर रखती है। अगर आपके कार की बैटरी चार्ज नहीं है तो आप इसे फ्यूल पर चला सकते हैं।
- हाइब्रिड कारें कार्बन का उत्सर्जन कम करती है।
फ्यूल और बैटरी दोनों से चलती है हाइब्रिड कार
हाइब्रिड कारों में पेट्रोल या डीजल जैसे इंटरनल कंबशन इंजन के साथ ही इलेक्ट्रिक बैटरी भी दी गई होती है। यह कार की ड्राइविंग रेंज और फ्यूल एफिशिएंसी को बढ़ाने में मदद करती है। दुनिया में पेट्रोल-डीजल वाहनों के अलावा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, माइल्ड हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड और प्योर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
क्या होता है हाइब्रिड व्हीकलॉ
यह कार ऐसी होती है जो एक से अधिक ईंधन के ऑप्शन के साथ आती है। इन कारों में दो तरह के इंजन दिए गए होते हैं। पहला इंजन पेट्रोल या डीजल के लिए होता और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन यानी कार को दो इंजन से पावर सप्लाई होती है। इन कारों की खासब बात यह होती है कि इसमें इंटर्नल सिस्टम के जरिए ही बैटरी चार्ज होती है। बैटरी को अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती।