उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने और गौपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 10 उच्च नस्ल की स्वदेशी गायों की इकाई स्थापना के लिए सरकार द्वारा अधिकतम 11.80 लाख रुपये तक का अनुदान दो चरणों में प्रदान किया जाएगा। योजना के लाभार्थियों को इकाई स्थापना के लिए आवश्यक भूमि और आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे गौपालक आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
योजना के आवेदन और पात्रता
योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया 1 नवंबर 2024 से शुरू होकर 30 नवंबर 2024 तक चलेगी। आवेदन के लिए फॉर्म संबंधित विभागीय पोर्टल https://updairydevelopment.gov.in एवं https://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en पर या मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालयों में उपलब्ध होगा।
इस योजना का उद्देश्य गाय पालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह योजना सभी जिलों में लागू होगी, और इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 15% का अंशदान देना होगा, जबकि बैंक ऋण के रूप में 35% राशि और शेष 50% तक की राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी। इस योजना का कुल खर्च 23.60 लाख रुपये होगा, जिसमें साहिवाल, गिर, और थारपारकर जैसी उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली गायों का क्रय भी शामिल है।
भूमि एवं संरचना की आवश्यकताएं
योजना के तहत लाभार्थी को इकाई स्थापना के लिए 0.20 एकड़ भूमि और चारा उत्पादन के लिए 0.80 एकड़ भूमि अनिवार्य है। यह भूमि लाभार्थी की खुद की हो सकती है या न्यूनतम सात वर्षों के अनुबंध पर किराए पर ली जा सकती है। यह भी अनिवार्य है कि क्रय की जाने वाली गाय प्रथम या द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए ताकि उनकी उत्पादकता बेहतर बनी रहे।
योजना से जुड़े प्रतिबंध और लाभ
मिशन निदेशक श्री राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को पूर्व में कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु योजना, नंदिनी कृषक समृद्धि योजना या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना का लाभ प्राप्त न किया हो। योजना का उद्देश्य नए गौपालकों को अवसर प्रदान करना है, जिससे राज्य में गौ पालन के क्षेत्र में और अधिक सुधार हो।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना: राज्य के दुग्ध उत्पादन में नया आयाम
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना उत्तर प्रदेश के दुग्ध उद्योग में एक सकारात्मक कदम है। इस पहल से गौपालकों की आय में वृद्धि होगी और राज्य का दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। साथ ही, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक सुधार के नए अवसर प्रदान करेगी।