जनपद उन्नाव में स्थित नवाबगंज पक्षी विहार प्रवासी पक्षियों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। साल भर इस पक्षी विहार में देशी-विदेशी पक्षी शरण लेते हैं। पारिस्थितिकीय तंत्र पक्षियों के अनुकूल होने से प्रवासी पक्षी यहां प्रजनन भी करते हैं। पक्षियों को देखने एवं उनके कलरव को सुनने के लिए देश-विदेश से पक्षी प्रेमी यहां आते रहते हैं। इस पक्षी विहार की जैवविविधता को युवाओं को परिचित कराने के लिए पर्यटन विभाग ने युवा पर्यटन क्लब के छात्र-छात्राओं को भ्रमण कराने का निर्णय लिया। इसके तहत उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म डेवलपमेन्ट बोर्ड तथा ईज माय ट्रिप के सौजन्य से पक्षी विहार का भ्रमण कराया गया। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण तथा वन्य जीवों एवं पक्षियों को प्राकृतिक रूप से देख सकें। भविष्य में ऐसे ही शैक्षिक भ्रमण कराने की योजना है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि ईको-टूरिज्म लगातार लोकप्रिय हो रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि स्थानीय जैवविविधता को संरक्षित रखते हुए पर्यटकों को प्रदेश के नैसर्गिक सौन्दर्य एवं रमणीक स्थलों को दिखाया जाए। इसी क्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव निदेशक जैवविविधता श्री संजय श्रीवास्तव तथा निदेशक पर्यटन ने आज सुबह पर्यटन भवन से 30 युवा पर्यटन मित्रों को हरी झण्डी दिखाकर नवाबगंज पक्षी विहार के लिए रवाना किया। पर्यटन क्लब के युवा सदस्यों को पक्षी विहार पर आधारित लघु फिल्म भी दिखायी गयी। छात्रों को उनके आश्रय स्थल और आहार के बारे में जानकारी दी गयी। इसके बाद डियर पार्क का भी भ्रमण कराया गया।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि हरी झण्डी दिखाने से पूर्व युवा पर्यटन मित्रों के साथ वैचारिक संवाद भी हुआ। इससे विद्यार्थी प्राकृतिक स्थल, विभिन्न प्रकार पक्षियों और वन्यजीवों के बारे में सीखेंगे। उन्होंने बताया कि नवाबगंज पक्षी विहार महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल है। यह प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग है। निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा ने कहा कि, ’नवाबगंज पक्षी विहार राजधानी लखनऊ से मात्र 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां 250 से अधिक प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का आश्रय स्थल है। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य टूर पैकेज उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और ईज माय ट्रिप के सहयोग से एक शैक्षिक और अनुभवात्मक यात्रा है, जिसे डीएवी स्कूल लखनऊ के युवा पर्यटन क्लब के छात्रों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। लखनऊ के पास स्थित यह अभयारण्य छात्रों को विभिन्न पक्षी प्रजातियों को देखने और उनके रहन-सहन के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।