महाकुंभ में जीआईएस आधारित क्यूआर कोड से श्रद्धालुओं को मिल रही है अनोखी सुविधा

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का व्यापक उपयोग किया है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में 50,000 से अधिक बिजली के खंभों पर जीआईएस आधारित क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

इन क्यूआर कोड्स को स्कैन करने पर एक फॉर्म खुलता है, जिसमें व्यक्ति अपना नाम, मोबाइल नंबर और समस्या दर्ज कर सकता है। सबमिट करने पर प्रशासनिक अधिकारी तुरंत संबंधित स्थान पर पहुंचकर सहायता प्रदान करते हैं। इस तकनीक की मदद से बिछड़े हुए परिजनों को मिलाने, खोए हुए सामान को वापस दिलाने और मार्गदर्शन जैसी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो रहा है।

महाकुंभ में डिजिटल भूले-भटके शिविरों के साथ-साथ बिजली के खंभों पर लगे क्यूआर कोड्स भी बिछड़े लोगों को मिलाने और भटके हुए लोगों को सही मार्ग दिखाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। श्रद्धालु अपने स्मार्टफोन से इन क्यूआर कोड्स को स्कैन कर अपनी भौगोलिक स्थिति जान सकते हैं, जिससे प्रशासन उनकी सहायता तेजी से कर पाता है।

इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में विभिन्न रंगों के क्यूआर कोड्स लगाए गए हैं, जो अलग-अलग प्रकार की जानकारी प्रदान करते हैं:

इस पहल की सराहना करते हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से महाकुंभ में उनकी यात्रा और अधिक सुगम और सुरक्षित हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह डिजिटल पहल महाकुंभ 2025 को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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