
यूपी की राजधानी लखनऊ की मेनका सोनी को वाशिंगटन के रेडमंड शहर का सिटी काउंसिल चुना गया है। वह इस पद पर चुनी जाने वाली पहली ‘प्रवासी भारतीय-अमेरिकी महिला’ बनी हैं। वह क्षण भारत के लिए और गर्व का समय बन गया जब मेनका ने श्रीमद्भगवद गीता हाथ में लेकर शपथ ली। यही नहीं इस दौरान उन्होंने भारतीय हैंड-एम्ब्रॉयडरी वाली पैंट-सूट पहन रखा था। इससे न सिर्फ भारतीय संस्कृति बल्कि, विरासत को भी सम्मान मिला। जज रसेल ने उन्हें शपथ दिलाई।
यहां बताते चलें कि रेडमंड शहर Microsoft के वैश्विक मुख्यालय और अमेरिका के सबसे प्रभावशाली टेक हब के रूप में जाना जाता है। यह जीत भारतीय-अमेरिकियों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। शपथ ग्रहण में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग शामिल हुए। इस दौरान मेयर एंजेला बिर्नी, सिटी काउंसिल के सदस्य और अनेक स्थानीय एवं भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता उपस्थित रहे।
आठ वर्ष से सत्ता में जमे प्रतिद्वंदी को हराया
भारतीय मूल की मेनका की यह जीत चंहुओर चर्चा का विषय रही। क्योंकि, उन्होंने आठ वर्ष से सत्ता में जमे प्रतिद्वंदी को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। सिटी काउंसिल बनने के बाद सिएटल में भारत के कांसुल जनरल प्रकाश गुप्ता ने उन्हें सम्मानित किया।
आगरा में जन्मीं मेनका सोनी की पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएट पूरा किया। वह करीब 20 वर्षों तक लखनऊ में रहीं। इसके बाद अपने करिअर में उड़ान भरने के लिए उन्होंने आगे की यात्रा शुरू की। वह 30 से अधिक वर्षों से वैश्विक कॉर्पोरेट क्षेत्र में हैं। उनके पास माइक्रोसाफ्ट, स्टारबक्स, जनरल मोटर्स और टी मोबाइल जैसी कंपनियों में काम करने का अनुभव है।
कई अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित
मेनका की सेवा, संघर्ष और नेतृत्व की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने वॉशिंगटन राज्य में महिला सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा, युवाओं के विकास, मानसिक स्वास्थ्य, सामुदायिक सुरक्षा, बेघर लोगों की मदद समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवा से लोगों के दिलों में छाप छोड़ी। वह AmPowering नामक गैर-लाभकारी संस्था की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। इस संस्था ने पांच लाख से अधिक लोगों की मदद की है। इसके लिए उन्हें यूएस कांग्रेस द्वारा Top-20 Influential Women Award और राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन’ द्वारा प्रेसीडेंट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड-2024 से सम्मानित किया जा चुका है।
मेनका ने बताई भविष्य की अपनी योजनाएं
जीत पर मेनका सोनी ने कहा कि ‘यह समुदाय की जीत है। रेडमंड एक वैश्विक शहर है। मैं इसके विविध और प्रतिभाशाली निवासियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित महसूस करती हूं। गीता हाथ में लेकर शपथ लेना मेरे लिए सत्य, कर्तव्य और सेवा के उन मूल्यों की याद दिलाने वाला क्षण था, जिन्हें मैं सार्वजनिक जीवन में हमेशा निभाऊंगी।’
उन्होंने अपने लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करना, सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ आवास, छोटे व्यवसायों और आर्थिक विकास का समर्थन, शहर की सुरक्षा, स्थिरता और दीर्घकालिक योजनाएं बनाने पर फोकस रहेगा। साथ ही हर आवाज को सुना और सम्मानित किया जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।