पहली बारिश की महक एक अलग ही एहसास दिलाती है। मिट्टी की यह महक हमें प्रकृति से जुड़ने का अहसास दिलाती है।
क्या आपने कभी सोचा है कि यह महक इतनी अच्छी क्यों लगती है?
यह महक मिटटी में मौजूद गीओसमिन (Geosmin) नामक रसायन के कारण उत्पन्न होती है।
गीओसमिन (Geosmin) मिट्टी में रहने वाले बैक्टीरिया एक्टिनोमाइसीट्स (Actinomycetes) द्वारा उत्पन्न होता है, जो बारिश की बूंदों के मिटटी पर पड़ने से हवा में फैलता है।
यह महक, पेट्रीकोर (Petrichor) कहलाती है, जो गीओसमिन (Geosmin) और मिट्टी के अन्य यौगिकों के मिलने से बनती है।
मिट्टी में पाई जाने वाले यह यौगिक, तेल और फ्युमेरेट होते हैं जो इस महक को दूर तक फैलाते हैं।
बारिश में बिजली चमकने से ज़मीन की सतह पर ओज़ोन (Ozone) की मात्रा बढ़ जाती है जिससे वातावरण में यह महक और बढ़ जाती है।
बारिश के बाद जब हवा की शुद्धता बढ़ जाती है, तो यह महक और भी ताजगी भरी लगती है।
हमारी नाक गीओसमिन (Geosmin) के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है, जिससे हम इस महक को तुरंत पहचान लेते हैं।
यह महक हमारे मस्तिष्क के उस हिस्से को जाग्रत कर देती है जिसमें हमारे बचपन की पहली बारिश की यादें रहती हैं।
इसी कारण मिटटी की महक हमें अपने बचपन की यादों की और ले जाती हैं, और हमें एक अलग अनुभूति का एहसास कराती हैं।
पहली बारिश की महक प्रकृति का एक ऐसा चमत्कार है जो हमें हमेशा आनंद और ताजगी से भर देती है।