अपने औषधीय और स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर एक बहुत सुन्दर फूल है। इसे जवाकुसुम भी कहते हैं। आमतौर पर गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह फूल लाल, सफ़ेद, गुलाबी, पीले, बैगनी जैसे कई रंगो में मिलता है।
गुड़हल
का फूल और पत्तियों दोनों का ही आयुर्वेदिक चिकित्सा और विभिन्न घरेलू उपचारों में काफी इस्तेमाल होता है। प्राकर्तिक चिकित्सा के तौर पर हम गुड़हल को कुछ इस तरह उपयोग में ला सकते हैं।
गुड़हल
गुड़हल की पत्तियां और फूल से बना फेसपैक त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता हैं। गुड़हल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़कर त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं।
एंटी एजिंग रोकने की लिए
गुड़हल के फूलों का पेस्ट बनाकर 30 मिनट लगाकर बाल धो लेने से इसमें मौजूद नेचुरल एमिनो एसिड, बालों में केराटिन को स्टिम्यूलेट करके बालों से जुडी बहुत सारी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके फूलों को नारियल तेल में उबालकर बनाये तेल को नियमित सिर पर लगाने से बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या कम होती है।
बालों के लिए
गुड़हल उच्च रक्तचाप में काफी उपयोगी है। इससे बनी चाय न केवल हृदय की गति को सामान्य करती है बल्कि उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायता मिलती हैै।
उच्च रक्तचाप के लिए
गुड़हल के फूलों में आयरन और विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, आयरन हीमोग्लोबिन के उत्पादन में मदद करता है और एनिमिआ से लड़ने में सहायक होता है। जबकि इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है, जिससे आयरन की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।
एनिमिआ के लिए
गुड़हल के फूलों से बनी चाय शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है। जिससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती, शरीर हल्का और एनर्जी से भरा रहता है। यह शरीर में वसा के अवशोषण को कम करती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
वजन घटाने के लिए
गुड़हल के फूल में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इससे बनी चाय के नियमित सेवन से सर्दी जुखाम में राहत मिलती है।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
गुड़हल के फूलों में फाइटोएस्ट्रोजेंस (phytoestrogens) होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन (estrogen) के स्तर को संतुलित करते हैं। गुड़हल के फूलों से बनी चाय का नियमित सेवन शरीर में हार्मोनल असंतुलन को सुधार कर मासिक धर्म चक्र को नियमित करता है।
अनियमित मासिक-धर्म के लिए
गुड़हल से बनी चाय या फूलों के पाउडर का नियमित सेवन याददाश्त बढ़ाने में सहायक होता है। गुड़हल में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और एंथोसायनिन्स जैसे यौगिकों में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। साथ ही गुड़हल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, मस्तिष्क को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
याददाश्त बढ़ाने के लिए
गुड़हल के फूल का किसी भी रूप में सेवन पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं। इससे कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
पाचन में सुधार
गुड़हल के फूल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। इससे बनी चाय शरीर में फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने से मानसिक तनाव बढ़ता है।