लखनऊ में बीजेपी ने नौ में से आठ सीटों पर जमाया था कब्जा, एक पर चली साइकिल

2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे दलों को नाक आउट किया और नौ में से आठ सीटों पर कब्जा जमाया था। भाजपा की सुनामी में समाजवादी पार्टी केवल मोहनलालगंज सीट पर ही ठहर पाई थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस बार अपना प्रदर्शन दोहरा पाएगी। 

पश्चिम विधानसभाः मिश्रित आबादी वाली इस सीट में पिछली बार 56.09 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने सपा के रेहान अहमद को 13072 वोटों से हराया था। कोरोना के कारण विधायक सुरेश श्रीवास्तव का निधन हो चुका है। 

पूर्वी विधानसभाः नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने सपा-कांग्रेस गठबंधन के अनुराग सिंह को 79230 वोटों से हराया था। यहां 59.25 प्रतिशत मतदान हुआ था। 

मध्य विधानसभाः कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा के रविदास मेहरोत्रा को 5094 के अंतर से हराया था। गत चुनाव में यहां 40.42 प्रतिशत मत पड़े।

उत्तर विधानसभाः भाजपा के डा. नीरज बोरा ने सपा के अभिषेक मिश्र को 17123 वोटों से हराया था। 

कैंट विधानसभाः रीता बहुगुणा जोशी ने सांसद बनने के बाद इस सीट से इस्तीफा दिया था। 2019 में हुए उपचुनाव में भाजपा के सुरेश तिवारी ने सपा के आशीष चतुर्वेदी को 35428 के अंतर से हराया था। 

मलिहाबाद विधानसभाः मैंगो बेल्ट के लिए मशहूर ग्रामीण क्षेत्र की इस विधानसभा में भाजपा की जया देवी ने सपा की राजबाला को 22747 वोटों से हराया था। जया देवी केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी हैं।

सरोजनीनगर विधानसभाः शहरी और ग्रामीण इलाके की यह सीट मंत्री स्वाती सिंह के पास है। स्वाती सिंह ने अनुराग यादव को 12672 वोटों से हराया था। 

मोहनलालगंज विधानसभाः एकमात्र सुरक्षित सीट पर सपा ने कब्जा किया था। सपा के अम्ब्रीश सिंह पुष्कर ने बसपा के राम बहादुर को 6415 वोटों से हराया था। 

बख्शी का तालाब विधानसभाः भारतीय जनता पार्टी के अविनाश त्रिवेदी ने बसपा के नकुल दुबे को 15755 वोटों से हराया था।

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