पति की दीर्धायु के लिए रखा जाता है करवा चौथ का व्रत।

रवि कुमार गुप्ता
कैंट डिजिटल डायरी

सुहागिनो का व्रत करवाचौथ पति परमेश्वर के लिए होता है। जो अपने पति को परमेश्वर का दर्जा देकर उनकी दीर्घायु की कामना में निर्जल व्रत रखती है। यह व्रत रात 12 बजे से आरम्भ होता है। ऐसा मानना है कि व्रत करने से पूर्व सूत फेनी खाने से प्यास नही लगती है। दूध मे सूतफेनी खाने का एक अलग ही मजा है। सूतफेनी पूरे साल सिर्फ इसी समय बजार मे बिकती है।

जानिये, क्यों मनातें हैं करवा चौथ।

पहले करवाचौथ की एक रात पहले सुहागिनों द्वारा घरो मे ही मेहँदी लगाने का चलन था। पर बदलता युग में समय के अभाव और घर से निकलने के बहानों ने ब्यूटी पार्लर का चलन बढ़ाया है। पर अब ब्यूटी पार्लर मे मेहंदी लगवना भी बङे मशक्कत का काम हो गया है। और अब तो ज्यादातर ब्यूटी पार्लर एडवांस बुकिंग के बावजूद भी पूरे दिन फुल ही रहते हैं। और जिनको इन ब्यूटी पार्लर में जाने का मौका नहीं मिल पाता उनके लिए भी बाज़ारो में तमाम मेहंदी लगाने वाले मिल जाते हैं। इस दिन ज्यादातर महिलाए शादी के जोङे मे तैयार होती है।

दिन ढलते ही शाम की आहट पर पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। अपने हौसले के अनुसार यह सुहागिने मिट्टी, स्टील, पीतल या चांदी के करवे मे नए धान का चूङा, बेसन के लड्डू, रेवड़ी, बताशे भर ऊपर से दिया रख फल-फूल, माला, पान आदि के साथ पूजन करती हैं। इस दिन इन महिलाओं के पति भी चांद निकलने से पहले घर पहुंचना चाहते है। कोई भी आज के दिन आपनी पत्नी को नाराज नही करना चाहता है।

इस दिन चांद के तो अपने ही नखरे होते हैं। भूखी प्यासी चाँद के दीदार को तरसती महिलाओं की मान मनौवल भी चाँद को विचलित नहीं करती। कभी बादलों में छिपकर और कभी ऊँची ऊँची इमारतों के पीछे से झाँक कर सब्र का इम्तिहान लेता चाँद अपने खेल में ही मस्त रहता है। और इधर बस उम्मीदों से भरी एक आवाज़ से ही कि “देखो चांद निकल आया” से छत पर भागते लोग किसी बल्ब या स्ट्रीट लाइट की रोशनी को चाँद समझ हताश हो जाते हैं। पर चाँद तो अपने वक़्त पर ही निकलता है और वक़्त है जो इस दिन अपने वक़्त से पीछे चलता है। पर जब अपने वक़्त पर चाँद निकलता है तो सबके चेहरे पर सुकून होता है। और फिर अपने पति द्वारा जल ग्रहण कर यह महिलाएं अपने व्रत का समापन करती हैं।

बहुत से फौजी भाई जो सीमाओ पर हमारी दिन रात सुरक्षा मे लगे हैं और इस मौके पर घर नहीं पहुंच पाते उनकी पत्नियां भी चांद की पूजा के उपरांत मोबाइल के माध्यम से पति को देख कर अपना व्रत तोड़ती है

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