पंजाब की चरणजीत सिंह चन्‍नी मंत्रिमंडल में आज मंत्रियों काे शपथ दिलाने से पहले बड़ा फेरबदल, नागरा की जगह काका रणदीप शामिल

पंजाब की चरणजीत सिंह चन्‍नी मंत्रिमंडल में आज मंत्रियों काे शपथ दिलाने से पहले बड़ा फेरबदल होने की खबार है। शपथ लेने वाले 15 नए मंत्रियों की सूची से कुलजीत सिंह नागरा का नाम कट गया है। उनकी जगह काका रणदीप सिंह को मंत्री बनाए जाने की सूचना है।  इन मंत्रियों को शाम 4.30 बजे राजभवन में आयोजित समारोह में राज्‍यपाल बनवारीलाल पुरोहित पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही राज्‍य की नई कैबिनेट में मुख्‍यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्‍या 18 हो जाएगी। अभी कैबिनेट में तीन सदस्‍य मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी, उपमुख्‍यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और उपमुख्‍यमंत्री ओपी सोनी हैं।

नए मंत्रियों को शाम 4.30 बजे राजभवन में राज्‍यपाल दिलाएंगे शपथ

बताया जाता है कि पंजाब कांग्रेस में कुलजीत सिंह नागरा के नाम पर बवाल मच गया। इसके बाद नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले सूची में बदला कर दिया गया। कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की सूची से कुलजीत नागरा के नाम काट दिए जाने की खबर है। उनकी जगह पर  विधायक काका रणदीप सिंह मंत्री बन सकते हैं ।

दरअसल माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब की नई कैबिनेट के माध्‍यम से राज्‍य कांग्रेस को पूरी तरह अपने कंट्रोल लेने के साथ ही कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सहित अन्‍य नेताओं के प्रभाव को बेअसर करने के लिए सियासी बिसात बिछाई है। बता दें कि करीब छह दिन की माथा पच्ची के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ हुई थी। कैबिनेट में कैप्टन के खास रहे पांच पूर्व मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई और सात नए चेहरों को जगह दी गई है। इनमें राहुल गांधी या हाईकमान के करीबियों की संख्या ज्यादा है। वहीं, कैप्टन की कैबिनेट में शामिल रहे आठ पूर्व मंत्रियों पर चन्नी ने फिर से भरोसा जताया है। हाईकमान ने मंत्रिमंडल गठन का कंट्रोल काफी हद तक अपने हाथ में ही रखा।

 

दिल्ली से तार जोड़े रखने वालों को मिली मंत्रिमंडल में प्राथमिकता

कैप्टन अमरिंदर सिंह के हटने के बाद यह माना जा रहा था कि सरकार और संगठन में पूरी तरह से पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हावी हो जाएंगे, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन और इस पर अंतिम मुहर लगने तक हाईकमान ने अपने हिसाब से नई बिसात बिछाई। दरअसल नई कैबिनेट में दिल्‍ली दरबार खासकर राहुल गांधी के करीबी नेताओं को प्राथमिकता दी गई है।

बता दें कि 72 घंटे में मुख्यमंत्री के तीन दिल्ली दौरे इस बात का संकेत है कि राहुल गांधी समेत पूरे हाईकमान ने कैबिनेट में खूब माथापच्ची की। अंतिम सूची में कई नाम ऐसे हैं, जिनके जरिए हाईकमान ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सिर्फ चन्नी और सिद्धू की ही नहीं चलेगी। अपने करीबियों को भी राहुल ने मंत्रिमंडल में उचित स्थान दिलाया है।

पांच की छुट्टी, सात की न्यू एंट्री, आठ पर चन्नी का भरोसा कायम

कैबिनेट के गठन में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। इनमें नौ जट्ट सिख, तीन अनुसूचित जाति, चार हिंदू, एक पिछड़ा वर्ग और एक अल्पसंख्यक वर्ग से रखा गया है। कैबिनेट में हर आयु वर्ग का भी ख्याल रखा गया है। ब्रह्म मोहिंदरा जैसे सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल में लिया गया है। वहीं, भारत भूषण आशु और विजय इंदर सिंगला जैसे पहली बार बने विधायकों को भी जगह दी गई है। युवा कांग्रेस में सेवाएं देने वाले चार नेता विजय इंदर सिंगला, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और गुरकीरत कोटली भी कैबिनेट का हिस्सा बने हैं।

पूर्व मंत्री राणा गुरजीत की एंट्री से सभी को ताज्‍जुब हुआ है। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी माने जाते रहे हैं। राणा गुरजीत पिछली कैबिनेट में सिंचाई मंत्री थे, लेकिन रेत खनन के लिए खड्डों की नीलामी में अपने रसोइए के नाम पर खड्ड लेने के आरोपों के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

काम आए हाईकमान से अच्छे संबंध

नए मंत्रियों में शामिल अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, परगट सिंह व गुरकीरत कोटली के गांधी परिवार से अच्छे संबंध हैं। कुलजीत नागरा व गुरकीरत कोटली तो राष्ट्रीय सचिव भी हैं।

 कैबिनेट इस प्रकार रहेगी

-मुख्यमंत्री: चरणजीत सिंह चन्नी

-उपमुख्यमंत्री: सुखजिंदर सिंह रंधावा

-उपमुख्यमंत्री: ओपी सोनी

– ब्रह्म मोहिंदरा

-मनप्रीत सिंह बादल

-तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा

-सुखबिंदर सिंह सरकारिया

-अरुणा चौधरी

-रजिया सुल्ताना

-विजय इंदर सिंगला

-भारत भूषण आशु

 – डा. राजकुमार वेरका

-संगत सिंह गिलजियां

-अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग

-परगट सिंह

– काका रणदीप सिंह।

-गुरप्रीत कोटली

-राणा गुरजीत।

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