ईडी ने महुआ मोइत्रा को फिर जारी किया समन

ईडी ने तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा को फेमा उल्लंघन मामले में नया समन जारी कर 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी मोइत्रा से पूछताछ कर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रविधानों के तहत उनका बयान दर्ज करना चाहती है। बता दें कि मोइत्रा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप है।

मोइत्रा (49) ने पिछले महीने एजेंसी को एक पत्र भेजकर पेश होने में असमर्थता जताई थी और पूछताछ का सामना करने के लिए कुछ सप्ताह का समय मांगा था। ईडी मोइत्रा से पूछताछ कर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रविधानों के तहत उनका बयान दर्ज करना चाहती है।

ईडी ने फेमा उल्लंघन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया

सूत्रों ने कहा कि इस मामले में एक खाते से लेन-देन एजेंसी की निगरानी में है, इसके अलावा इस खाते में विदेश से भी कुछ धनराशि मिली हैं और रकम का हस्तांरण हुआ है। इस मामले में विदेश से भेजी गई कुछ अन्य रकम के हस्तांतरण के अलावा एनआरई खाते से जुड़े लेन-देन एजेंसी की जांच के दायरे में हैं।

मोइत्रा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए मोइत्रा पर उपहार के बदले लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने मोइत्रा पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था। मोइत्रा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अदाणी समूह के सौदों पर सवाल उठाए थे।

महुआ की निषेधाज्ञा की मांग की याचिका खारिज

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को अपने खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने या प्रसारित करने से रोकने की मांग को लेकर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की अंतरिम याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। हाल ही में लोकसभा से निष्कासित की गई मोइत्रा के आवेदन पर सुनवाई के बाद जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने 20 दिसंबर 2023 को मोइत्रा, दुबे और देहाद्राई के वकील के तर्क सुनने के बाद अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मोइत्रा ने अक्टूबर में याचिका दायर कर दुबे व देहाद्राई के विरुद्ध स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी।

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