जानें चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष में छठ का त्योहार 2 बार मनाया जाता है। एक पर्व चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में मनाया जाता है। दोनों ही त्योहार का अधिक महत्व है। छठ पर्व का महिलाएं अपनी संतान की अच्छे स्वास्थ्य और उन्नति के लिए लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चैती छठ का पर्व मनाया जाता है। यह महापर्व 4 दिन तक मनाया जाता है। चैती छठ का तीसरा दिन आज यानी 14 अप्रैल को है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। चलिए जानते हैं डूबते सूर्य और उगते सूर्य अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त के बारे में।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
14 अप्रैल को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर से 20 मिनट से लेकर 05 बजकर 55 मिनट तक है। इस शुभ समय के दौरान सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
इसके बाद अगले दिन यानी 15 अप्रैल को चैती छठ पर्व का समापन होगा। इस दिन महिलाएं उगते सूर्य अर्घ्य देती हैं। 15 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर 05 बजकर 55 मिनट तक सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय है।
छठ पूजा पूजा के नियम
- छठ पूजा के समय झूठे बर्तनों को छूने की मनाही है।
- छठ पूजा में जो प्रसाद आप अर्पित कर रहे हैं वह खंडित नहीं होना चाहिए। पूजा की चीजों को साफ जगह पर रखना चाहिए।
- प्रसाद बनाने से पूर्व स्नान कर लें और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- इस दिन व्रती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।