जोमैटो पेमेंट ने आरबीआई को सरेंडर किया अपना एग्रीगेटर पेमेंट लाइसेंस

फूड डिलिवरी ऐप जोमैटो (Zomato) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजे जारी किये थे। इस नतीजे में बैंक ने बताया था कि वह एक बार फिर से मुनाफे में वापस आ गई है। बता दें कि दिसंबर तिमाही में जोमैटो घाटे में थी।

तिमाही नतीजे के एलान के बाद जोमैटो ने एक बड़ा फैसला लिया। जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जेडपीपीएल) ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस को सरेंडर कर दिया। इस साल जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह लाइसेंस जोमैटो पेमेंट्स को दिया था। जोमैटो ने बताया कि वह आरबीआई द्वारा मिली गई एक ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट को खुद से छोड़ रहा है।

जोमैटो ने नियामकफाइलिंग को बताया कि
हम खुद को पेमेंट सेक्टर में सत्ताधारियों के मुकाबले कोई महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करते हुए नहीं देखते हैं और इसलिए हम इस स्तर पर भुगतान क्षेत्र में व्यवसाय को हमारे लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं मानते हैं।

कंपनी को 24 जनवरी, 2024 से ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए केंद्रीय बैंक से लाइसेंस मिला था। जोमैटो ने कहा कि ZPPL के निदेशक मंडल ने प्री-पेड पेमेंट उपकरणों के जारीकर्ता के रूप में काम करने के लिए RBI के पास प्रस्तुत 11 नवंबर, 2021 के आवेदन को वापस लेने का भी निर्णय लिया है।

वर्ष 2021 में ZPPL हुई थी शामिल
जोमैटो ने पेमेंट एग्रीगेटर और प्रीपेड पेमेंट उपकरणों के जारीकर्ता के रूप में बिजनेस चलाने के लिए 2021 में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में ZPPL को शामिल करने की घोषणा की।

कंपनी ने आगे कहा कि आरबीआई के प्रयासों के लिए धन्यवाद, इन लाइसेंसों के लिए आवेदन करने के बाद से पिछले कुछ वर्षों में भारत में भुगतान परिदृश्य सार्थक रूप से विकसित हुआ है।

कंपनी का मानना ​​है कि इस तरह के स्वैच्छिक आत्मसमर्पण और निकासी के कारण कंपनी के राजस्व/संचालन पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए यह खुलासा स्वैच्छिक रूप से किया जा रहा है। जोमैटो ने सोमवार को मार्च में समाप्त तिमाही और वित्तीय वर्ष के नतीजे घोषित किए थे।

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