रीमा दास की फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स 2’ ने बुसान फिल्म महोत्सव में किम जी-सेयोक पुरस्कार जीता

रीमा दास की फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स 2’ ने बुसान फिल्म महोत्सव में किम जी-सेयोक पुरस्कार जीता

भारतीय फिल्म निर्माता रीमा दास की बहुचर्चित फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स 2’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता की एक और कहानी लिखी है। इस फिल्म ने 2024 के बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित किम जी-सेयोक पुरस्कार अपने नाम किया है। यह पुरस्कार रीमा दास के सिनेमाई दृष्टिकोण और ग्रामीण परिवेश पर आधारित उनके विशिष्ट कथा-वाचन को सम्मानित करता है।

फिल्म की कहानी और महत्व

‘विलेज रॉकस्टार्स 2’ असम के ग्रामीण जीवन और बच्चों की सरलतम इच्छाओं और सपनों को एक सशक्त और संवेदनशील ढंग से दर्शाती है। यह फिल्म एक युवा लड़की की कहानी पर केंद्रित है, जो अपने छोटे से गांव में बड़े सपने देखती है और उन्हें पूरा करने के लिए समाज की परंपराओं से टकराती है। यह फिल्म एक सहज और गहरी नज़र ग्रामीण जीवन की जद्दोजहद, संघर्ष और आशा पर डालती है, जिसे दर्शकों और समीक्षकों ने दोनों ही सराहा है।

बुसान फिल्म महोत्सव में रीमा दास की जीत

बुसान फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे प्रमुख फिल्म महोत्सवों में से एक है और यहां पर सम्मानित होना किसी भी फिल्म निर्माता के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। किम जी-सेयोक पुरस्कार इस महोत्सव का एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है, जो उन निर्देशकों को दिया जाता है जिन्होंने सिनेमाई भाषा और कहानी में कुछ नया और अनूठा किया हो।

रीमा दास ने पुरस्कार जीतने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे लिए और पूरी टीम के लिए बहुत गर्व का क्षण है। यह फिल्म असम की मिट्टी से निकली है और इसके माध्यम से हमने एक सच्ची और सरल कहानी बताने की कोशिश की है। इस तरह का अंतरराष्ट्रीय मान्यता हमें और भी प्रेरित करती है।”

रीमा दास का सिनेमाई सफर

रीमा दास का सिनेमाई सफर बेहद प्रेरणादायक है। उनकी पहली फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं और इसे ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी चुना गया था। रीमा की फिल्में ग्रामीण भारत की असलियत को बेहद ईमानदारी और खूबसूरती से सामने लाती हैं, जो वैश्विक दर्शकों के दिलों को छू जाती हैं।

भारत के लिए गर्व का क्षण

इस जीत ने भारतीय सिनेमा के लिए एक और गर्व का क्षण प्रदान किया है। रीमा दास की यह जीत यह साबित करती है कि भारतीय सिनेमा सिर्फ बॉलीवुड तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और गांवों की कहानियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकती हैं।

फिल्म के भविष्य की उम्मीदें

‘विलेज रॉकस्टार्स 2’ अब न केवल भारतीय दर्शकों के बीच बल्कि अंतरराष्ट्रीय फिल्म समुदाय में भी अपनी पहचान बना चुकी है। इस सफलता के बाद फिल्म की और भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भागीदारी की उम्मीद है।

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