अमेरिका में गैर प्रवासियों के पीछे पड़े ट्रंप, 10 महीने में 80 हजार लोगों का वीजा रद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आव्रजन पर सख्ती करते हुए 10 महीनों में लगभग 80,000 गैर-आप्रवासी वीजा रद कर दिए। ये वीजा शराब पीकर गाड़ी चलाने, मारपीट और चोरी जैसे अपराधों के कारण रद किए गए। सोशल मीडिया पर अमेरिकी नीतियों के खिलाफ कमेंट करने और फलस्तीन का समर्थन करने पर भी वीजा रद किए गए। ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि अमेरिकी सुरक्षा और हित हमेशा पहले रहेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नई सरकार ने जनवरी में सत्ता संभालते ही इमिग्रेशन पर जबरदस्त कड़ा रुख अपना लिया था। अब खुलासा हुआ है कि महज 10 महीनों में करीब 80,000 गैर-प्रवासी वीजा रद कर दिए गए हैं।

ये वीजा छोटे-मोटे अपराधों जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से लेकर हमला और चोरी जैसे मामलों में रद किए गए। एक वरिष्ठ स्टेट डिपार्टमेंट अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह आंकड़ा वॉशिंगटन एग्जामिनर की ओर से सबसे पहले रिपोर्ट किया गया था।

ट्रंप प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि अमेरिका में प्रवेश कोई हक नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा, “हम उन विदेशियों के वीजा रद करने में संकोच नहीं करेंगे जो हमारे कानूनों को कमजोर करते हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करते हैं। अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और हित हमेशा पहले रहेंगे।”

इस कदम से दुनिया भर के लाखों वीजा धारकों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि अब हर छोटी गलती भी वीजा रदीकरण का कारण बन सकती है।

अपराधों की चपेट में सबसे ज्यादा वीजा रद

इन रदीकरणों में अपराधी गतिविधियां मुख्य वजह रहीं। अधिकारी ने बताया कि करीब 16,000 वीजा शराब पीकर वाहन चलाने (ड्राइविंग अंडर इन्फ्लुएंस) के मामलों में रद किए गए।

इसी तरह, लगभग 12,000 वीजा हमले (असॉल्ट) के कारण और 8,000 चोरी (थेफ्ट) के चलते खारिज हुए। इन तीन अपराधों ने ही इस साल के कुल कैसिलेशन का लगभग आधा हिस्सा कवर कर लिया। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ये अपराध न केवल सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि वीजा धारकों की जिम्मेदारी को भी दर्शाते हैं।”

इसके अलावा, ओवरस्टे (वीजा अवधि से अधिक रुकना) और कानून तोड़ने जैसे मामलों में भी सख्ती बरती गई। अगस्त में स्टेट डिपार्टमेंट के एक प्रवक्ता ने बताया था कि वाशिंगटन ने 6,000 से ज्यादा स्टूडेंट वीजा रद किए थे।

इनमें ओवरस्टे, कानून उल्लंघन और कुछ मामलों में ‘आतंकवाद का समर्थन’ शामिल था। कुल मिलाकर, करीब 8,000 स्टूडेंट वीजा इस साल रद हो चुके हैं। ये आंकड़े दिखाते हैं कि ट्रंप सरकार का फोकस केवल बड़े अपराधों पर नहीं, बल्कि रोजमर्रा की गलतियों पर भी है।

सोशल मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों पर सख्ती का नया दौर

ट्रंप प्रशासन ने वीजा देने की प्रक्रिया को भी और सख्त बना दिया है। अब सोशल मीडिया की जांच पहले से कड़ी हो गई है और स्क्रीनिंग प्रक्रिया का दायरा बढ़ा दिया गया है। पिछले महीने स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा था कि कम से कम छह लोगों के वीजा सोशल मीडिया पर कंजर्वेटिव एक्टिविस्ट चार्ली किर्क की हत्या से जुड़े कमेंट्स के कारण रद कर दिए गए। ये लोग विदेशी नागरिक थे, जिनकी पोस्ट्स को अमेरिकी नीतियों के खिलाफ माना गया।

मई में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि उन्होंने सैकड़ों, शायद हजारों लोगों के वीजा रद किए हैं, जिनमें स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। कारण? ऐसी गतिविधियां जो अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ जाती हैं।

रुबियो ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक सक्रियता या अमेरिका-विरोधी रुख वाले आवेदकों पर नजर रखी जाएगी। इस साल स्टेट डिपार्टमेंट ने विदेश में तैनात अमेरिकी राजनयिकों को निर्देश दिए हैं कि वे संभावित रूप से शत्रुतापूर्ण तत्वों या राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों के खिलाफ सतर्क रहें।

फलस्तीन समर्थन पर डिपोर्टेशन का खतरा

ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने साफ किया है कि स्टूडेंट वीजा या ग्रीन कार्ड धारक भी फलस्तीनी समर्थन या गाजा युद्ध में इजरायल की आलोचना करने पर डिपोर्ट हो सकते हैं। इन्हें अमेरिकी विदेश नीति के लिए खतरा माना जा रहा है और हमास समर्थक करार दिया जा रहा है।

एक फेडरल जज ने हाल ही में रुबियो के प्रो-पैलेस्टाइनी एक्टिविस्ट्स के वीजा रद करने के प्रयास को फर्स्ट अमेंडमेंट का उल्लंघन बताते हुए रोका था। फिर भी, प्रशासन ने कहा है कि 55 मिलियन से ज्यादा वीजा धारकों की रिकॉर्ड्स की समीक्षा की जा रही है, जिसमें रदीकरण या डिपोर्टेशन के लिए संभावित उल्लंघन ढूंढे जा रहे हैं।

अप्रैल में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के वीजा रद या स्टेटस बदला गया था, लेकिन कुछ हफ्तों बाद उन्हें बहाल करना पड़ा। अप्रैल में ही चार्ल्स किर्क की हत्या के बाद कुछ विदेशी नागरिकों के सार्वजनिक कमेंट्स के आधार पर वीजा रद किए गए।

ये कदम ट्रंप की व्यापक इमिग्रेशन क्रैकडाउन का हिस्सा हैं, जिसमें अब तक अभूतपूर्व संख्या में प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया है, भले ही उनके पास वैध वीजा हो। स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि वीजा सस्पेंड तब होता है जब ओवरस्टे, अपराधी गतिविधि, सार्वजनिक सुरक्षा खतरा, आतंकवादी गतिविधि या किसी आतंकी संगठन को समर्थन देने जैसे संकेत मिलें।

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