पंजाब में नशे के मामले में ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन ने पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ केस किया दर्ज

ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन ने एक पूर्व मंत्री अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में जांच पूरी करके उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अकाली नेता के खिलाफ एक नया केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी कर ली है। यह गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने केस दर्ज करने की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने केस की एफआइआर देने से फिलहाल मना कर दिया है। केवल यह बताया जा रहा है कि बनूड़ में ड्रग्स के एक मामले में एफआइआर नंबर दो दर्ज की गई है। इस मामले का विवरण देने से पुलिस अधिकारियों ने इन्कार कर दिया है।

बता दें, सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के डीजीपी बनने के बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि ड्रग्स केस में अकाली नेताओं पर शिकंजा कसा जाएगा। यहां तक कि खुद अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने यह आशंका जताई थी कि डीजीपी को बदला ही उनके खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर है।

यहां यह भी दिलचस्प है कि आज ही पुलिस ने ब्यूरो आफ इन्वेस्टीेगेशन के प्रमुख एसके अस्थाना का पत्र लीक होने के चलते मोहाली में केस दर्ज किया है। इस पत्र में एस के अस्थाना ने पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने को लेकर कई सवाल उठाते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए। ड्रग्स मामले में नए सिरे से जांच शुरू करने को लेकर पिछले केसों के आधार पर एसके अस्थाना ने डीजीपी को जो पत्र लिखा है उसमें आठ सवाल उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में इन केसों में एडवोकेट जनरल ने जो सलाह दी है और उससे पहले पंजाब के एडवोकेट जनरल या लीगल टीम ने जो सलाह दी गई है वह आपस में परस्पर विरोधी हैं। ऐसे में क्या इस पर विश्वास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एन्फोर्समेंट डायरेक्टारेट ने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की भूमिका की जांच करने के लिए तीन स्टेटमेंट रिकार्ड की लेकिन ईडी ने खुद ही इस केस को आगे नहीं बढ़ाया। ऐसे में क्या इन स्टेटमेंट की कोई अहमियत रह जाती है।

पत्र में यह भी कहा गया कि इन केसों की आगे की जांच करना क्या हाई कोर्ट के 2014 के केस में दिए गए निर्देशों की अवहेलना नहीं होगी। क्या उन केसों में जांच के आदेश दिए जा सकते हैं जिन केसों का ट्रायल पूरा हो गया हो। क्या उन केसों की जांच की जा सकती है जिन केसों की ओर से करवाई जा सकती है जिसमें हाई कोर्ट ने एसआइटी बनाकर जांच के आदेश दिए हों। इस रिपोर्ट के लीक होने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

बादल बोले- अकाली दल जेलों व केसों से नहीं डरता

मजीठिया पर केस दर्ज होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सरकार ने बदलाखोरी की नीति के तहत केस दर्ज किया है। बादल ने कहा कि उन्हें पहले ही पता था कि अकाली नेताओं पर केस दर्ज किए जाएंगे। बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री का काम बदलाखोरी करना नहीं होता, बल्कि जनसेवा करना होता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ेंगे। बादल ने कहा कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि सरकार ने तीन डीजीपी बदले हैं जब पहले दो डीजीपी ने कार्रवाई करने पर मना कर दिया था। बादल ने मौजूदा डीजीपी पर कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से मना किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जहां मर्जी ले जाएं, वह तैयार हैं। अकाली दल जेलों या केसों से नहीं डरता। पहले भी सरकार ने उनके खिलाफ यहां तक कि उनकी पत्नी के खिलाफ भी केस दर्ज किया था।

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