यूक्रेनी सेना की मदद के लिए आगे आया कनाडा, सेना के 400 कर्मियों को करेगा तैनात….

यूक्रेनी सेना की मदद के लिए कनाडा अपनी सेना के 400 कर्मियों को यूक्रेन में तैनात करेगा और इनमें से 60 कर्मियों को अगले कुछ ही दिनों में तैनात किया जाएगा। यह बात कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हमें आपरेशन यूनिफायर के विस्तार की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही हैं। लगभग 340 मिलियन डालर के साथ हम यूक्रेन में अपने प्रशिक्षण मिशन की क्षमता में बढ़ावा करेंगे। कनाडा के सशस्त्र बलों के 400 सदस्यों को तैनात करेंगे, जिनमें से 60 सदस्य आने वाले कुछ ही दिनों में तैनात होंगे। आनंद ने कहा कि कनाडाई सैनिक रणनीति, तात्कालिक विस्फोटक उपकरण निपटान, कटाक्ष, टोही और दवा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।

कनाडा के सेना कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि

दूसरी ओर इस मौके पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि कनाडा आपरेशन को तीन साल के लिए और बढ़ा रहा है और यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या 200 से बढ़ाकर 400 कर रहा है। ट्रूडो ने कहा कि आपरेशन का केंद्र यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से होंगे, जहां सैनिकों के लिए खतरा सबसे कम है और वे प्रशिक्षण और सहायता मिशन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ट्रूडो ने यह भी कहा कि कनाडा के सैन्य कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण की स्थिति में सरकार सेना के सदस्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।

स्थिति के अनुसार सैनिकों की संख्या पर होगा फैसला

ट्रूडो ने कहा कि 400 कर्मियों की सीमा से अधिक नहीं भेजने के लिए कितने सैनिकों को भेजने का निर्णय यूक्रेन की असल स्थिति से निर्धारित होगा। विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि उनके यूक्रेनी समकक्ष दिमित्रो कुलेबा ने उन्हें आपरेशन यूनिफायर का विस्तार करने के लिए कनाडा के अनुरोध के बारे में बताया था। आपको बता दें कि हाल के महीनों में यूक्रेन पर तनाव काफी बढ़ गया है। रूस और नाटो ने एक-दूसरे पर रूसी-यूक्रेनी सीमा पर सैनिकों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। अमेरिका और यूक्रेन ने रूस पर आक्रमण की तैयारी करने का आरोप लगाया है। इस बीच मास्को ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि उसका किसी देश पर हमला करने का कोई भी इरादा नहीं है। इसके चलते रूस और अमेरिका के बीच भी लगातार बहस छिड़ गई है।

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