भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकसी को बढ़ाते हुए BSF ने की एंटी कट-एंटी क्लाइंब बाड़ लगाने की शुरुआत, जानें- कई लिहाज से ये है बेहद खास

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। सीमा पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।‌ देश की सीमाओं को दुरुस्त रखने के लिए सुरक्षा बल दिन-रात लगे रहते हैं। वहीं भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकसी को बढ़ाते हुए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ‘एंटी कट-एंटी क्लाइंब’ बाड़ लगाने की शुरुआत की है।

‘एंटी कट-एंटी क्लाइंब’ बाड़

BSF ने भारत-बांग्लादेश की सीमा पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीमा पर ‘एंटी कट-एंटी क्लाइंब’ बाड़ लगाया जा रहा है। बीएसएफ के अनुसार, एंटी-कट फेंसिंग काफी लंबे समय तक चलने योग्य होता है। यह ‌आर्थिक रूप से काफी किफायती और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मजबूत होता है। इस बाड़ को भेदने के लिए दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे, क्योंकि इसे काटा नहीं जा सकता, ना ही इस बाढ़ पर चढ़कर सीमा पार करना आसान होगा। ‘एंटी कट-एंटी क्लाइंब’ सुरक्षाबलों की ताकत को बढ़ाएगा, जिससे अपराधियों से निपटने के लिए बलों को आसानी होगी।

बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक ने कहा

समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए, BSF उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक, अजय सिंह ने कहा, ‘लो-कास्ट टेक्नोलाजी साल्यूशन (एलसीटीएस) परियोजना के तहत हमने पहले से ही उत्तर बंगाल में बांग्लादेश के साथ सीमा के 110 किमी और बिना बाड़ वाले हिस्से के साथ मौजूदा बाड़ के साथ एंटी-कट एंटी क्लाइंट को बदलना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने आगे बताया कि बीएसएफ ने बाड़ लगाने का कार्य पहले ही 20 किलोमीटर तक पूरा कर लिया है और जल्द ही इसे और भी कबर किया जा जाएगा।

महानिरीक्षक अजय सिंह ने ‘एंटी कट-एंटी क्लाइंब’ की खूबियां बताते हुए कहा, ‘इसे आसानी से नहीं काटा जा सकता है, कोई इस पर आसानी से नहीं चढ़ सकता है। यह हमारे बलों को और अधिक आश्वस्त करेगा। यह सीमाओं के बिना बाड़ वाले क्षेत्र को भी कवर करेगा।’

आपको बता दें कि भारत बांग्लादेश के साथ 4096 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, जिसमें से पश्चिम बंगाल 2216 किलोमीटर की सीमा आती है, जबकि उत्तर बंगाल की सीमा 950 किमी की सीमा साझा करती है, जिसमें से 110 किमी बिना बाड़ के है।

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