बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडार के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए अब नहीं बदली जाएगी यमुना की धारा…

बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडार के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए अब यमुना की धारा नहीं बदली जाएगी। दिल्ली सरकार द्वारा इस मुद्दे पर असहमति व्यक्त करने के बाद लोक निर्माण विभाग ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इससे पहले यमुना के बीच में काम पूरा करने के लिए यमुना की धारा बदलने का था प्रस्ताव। अब बड़ी मशीनों को यमुना के किनारे खड़ाकर वहां से पाइप के माध्यम से निर्माण सामग्री को यमुना के बीच ले जाया जाएगा।

यमुना के मयूर विहार फेज-एक की आकर वाले भाग में अस्थायी पुल बनाया जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह ये काम को पूरा करने में कुछ समय जरूर बढ़ेगा। मगर मानसून का समय आने से पहले इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना के तहत मयूर विहार फेज एक से सराय काले खां तक तीन किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कारिडोर बनाया जा रहा है ।

धारा बदलने की क्या थी योजना बारापुला एलिवेटेड कारिडोर फेज-तीन के लिए अब यमुना का रास्ता बदला जाना था। यह बदलाव उस समय तक के लिए किया जाना था जब तक यमुना के बहाव क्षेत्र में परियोजना का काम पूरा नहीं हो जाता। योजना के तहत यमुना को वर्तमान बहाव से सराय काले खां की ओर करीब 100 मीटर आगे रास्ता दिया जाना था।

जिस जगह में यमुना को रास्ता दिया जाना था इस क्ष्रेत्र में कारिडोर का काम पूरा हो चुका है। इस भाग में जमीन पर कोई काम नहीं बचा है। कारिडोर के नीचे के भाग में रंग रोगन का काम भी पूरा कर लिया गया था। तकनीकी जानकारों की मानें तो इस नए रास्ते में यमुना के बहाव पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता।यमुना के बहाव क्षेत्र में जिस स्थान पर परियोजना का काम होना है।

इस भाग में यमुना के पानी की सतह से 50 मीटर गहराई में कारिडोर के एक पिलर की नीव का फाउंडेशन 2020 में मानसून के समय टेढ़ा हो गया था।अब इसे बनाने की तैयारी हो रही है।यमुना के बीच में एक पिलर बना हुआ है।दूयरे का भी काम शुरू किया गया था। मगर कोरोना और प्रदूषण के चलते काम बंद हो गया था।अब इस काम को फिर से तेजी से शुरू किया जाएगा।

इसके लिए मयूर विहार की ओर से यमुना पर अस्थायी पुल बनाया जाएगा।जिसे मानसून आने से पहले हटा दिया जाएगा। बारापुला के तीसरे फेज में सराय काले खां से मयूर विहार तक एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लंबाई साढ़े तीन3 किलोमीटर है। यह कारिडोर 8 लेन का है, जिसकी चौड़ाई 35 मीटर है। इसके तैयार होने पर मयूर विहार से एम्स तक साढ़े 9 किलोमीटर रोड सिग्नल फ्री हो जाएगा।

इस परियोजना के अंतर्गत आ रही जमीन को लेकर विवाद हो चुका है। करीब आठ एकड़ जमीन पर खेती कर रहे किसानों द्वारा दावा कर देने से मयूर विहार की तरफ कुछ भाग में अभी काम रुका हुआ है। यह परियोजना 2017 में पूरी होनी थी।इसी माह किसानों की जमीन भी विभाग को मिलने की उम्मीद है।

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