जाने, क्यों हो रही सीएम आवास पर हाई लेवल मीटिंग!

हिमांशु पुरी,सलाहकार संपादक,
लखनऊ। योगी सरकार में काफी उथल-पुथल इन दिनों मची हुई है और इसको लेकर एक हाई लेवल मीटिंग इस वक्त सीएम योगी के आवास पर चल रही है। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी है और इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है कि योगी मंत्रिमंडल में कौन-कौन नए नाम हो सकते हैं? क्या प्रदेश के बीजेपी संगठन में भी बदलाव हो सकता है? क्योंकि BJP हाईकमान यानी कि केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से पहली बार बीते 4 वर्ष में योगी सरकार के कामकाज को लेकर एक तरह से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समीक्षा बैठक जारी है।
दरअसल कोरोनावायरस महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई भयावह स्थिति से निपटने में योगी सरकार पर विपक्ष ने तमाम सवाल खड़े किए और इस दौरान बीजेपी के मंत्री, विधायक नदारद भी रहे। लिहाजा सवालों की फेहरिस्त बढ़ती गई और कटघरे में सरकार आ गई। वही है ऐसे में जनता के बीच बीते 4 साल में एक साफ-सुथरी ईमानदार छवि बनाने में सफल रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि महामारी के दौरान लोगों को हुई दिक्कतों से बढ़ती नाराजगी से कैसे दूर की जाए। आखिरकार अगले वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव में यह सवाल विपक्ष बड़े एजेंडे के तौर पर खड़ा करने वाला है और कहीं ना कहीं इसका बड़ा असर भी चुनाव में दिखने की पूरी संभावना है। लिहाजा केंद्र की मोदी सरकार उत्तर प्रदेश में बनी अपनी जड़ों को कमजोर नहीं करना चाहती है और इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में उत्तर प्रदेश में अपनी साख को बनाए रखने के लिए नई रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है और इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से भेजे गए वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने आज पूरे दिन बीजेपी प्रदेश कार्यालय में योगी सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्रियों के साथ वन टू वन बैठक की। जिनमें बृजेश पाठक, सुरेश खन्ना शामिल थे। इनके अलावा कुछ और मंत्रियों के साथ 121 बैठक की और इस बात को जानने की कोशिश की कि आखिर सरकार और जनप्रतिनिधियों के बीच किस बात को लेकर कशमकश काफी बढ़ गई है। सूत्रों की माने तो कई मंत्रियों के साथ बैठक करने पर यह बात निकल के सामने आयी कि योगी सरकार में अफसरशाही इस कदर हावी है कि मंत्रियों, विधायकों की बात तक नहीं सुनी जाती है और इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में मिलेगा। शिकायतों का आलम यहां तक रहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान मंत्री, विधायक अपनों की मदद तक सही से नहीं कर सके। अस्पतालों में उनकी सुनवाई नहीं हुई। अफसर अपनी ही सुनाते रहे और उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
वहीं अब इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए इस वक्त सीएम योगी के आवास पर सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ नेता बीएल संतोष के अलावा प्रदेश संगठन के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, दिनेश शर्मा सहित कुछ एक और वरिष्ठ नेताओं की हाई लेवल मीटिंग जारी है। हालांकि
चर्चाओं का बाजार इस बात पर भी गर्म है की हाल ही में योगी सरकार के तीन मंत्रियों की कोरोनावायरस महामारी के चलते मृत्यु हो गई थी। उनके खाली पदों पर किन को तैनात किया जाए तो उस पर भी नए नामों पर विचार चल रहा है। यही नहीं डिप्टी सीएम के पद पर भी एमएलसी एके शर्मा का नाम काफी तेजी से चर्चा में है। वही खुद एमएलसी एके शर्मा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में जगह-जगह जाकर कोरोना से संबंधित चल रही तैयारियों का जायजा ले रहे हैं और उसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय संगठन व पीएम कार्यालय भेज रहे हैं। हालांकि इस हाई लेवल मीटिंग में क्या निर्णय होता है इसको लेकर सिर्फ अभी कयासों का दौर जारी है लेकिन इतना तो तय है कि अगले कुछ दिन योगी सरकार के लिए बेहद अहम है क्योंकि इस महामारी के दौरान जिस तरह योगी सरकार पर विपक्ष ने हमला किया है और मीडिया में जनता की त्रासदी सुनने में आई है। इसको लेकर बीजेपी के कोर नेताओं का जमावड़ा नई रणनीति पर विचार शुरू कर चुका है।